जयपुर, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में जमकर बारिश हो रही है। राजस्थान का ऐसा कोई जिला नहीं बचा है, जहां मूसलाधार बारिश नहीं हो रही है। राजधानी जयपुर में मंगलवार सवेरे से बादल छाए हुए हैं। पाली जिले के सादड़ी में भी मानसूनी मेघ सवेरे जमकर बरसे। अलसुबह तीन बजे से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। इससे सड़कों पर दरिया बह निकला। मौसम विभाग के अनुसार बारिश का यह दौर प्रदेश में अभी जारी रहेगा।
अभी बारिश का दौर थमने वाला नहीं है। प्रदेश में 11 सितंबर से छह जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मंगलवार काे कोटा, उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर व अजमेर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ मध्यम बारिश व कोटा, उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बने स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण प्रदेश में तेज बारिश होगी। यह दौर 14-15 सितंबर तक जारी रह सकता है। नौ अगस्त को भी राजस्थान के बारां, बांसवाड़ा, कोटा समेत कई जिलों में अच्छी बारिश हुई। राजस्थान में सामान्य से 58 फीसदी ज्यादा बरसात (मानसून में अब तक) हो चुकी है। राजस्थान में मानसून सीजन में (एक जून से नाै सितंबर तक) अब तक औसत बरसात 405.7 मिलीमीटर होती है, जबकि इस सीजन में अब तक कुल 641.6 मिलीमीटर हो चुकी है।
पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात बारां जिले के अंता कस्बे में 75 मिलीमीटर हुई। बारां के ही किशनगंज में 66, मांगरोल में 62, चित्तौड़गढ़ के भदेसर में 41, कोटा के सांगोद में 32, बांसवाड़ा के लुहाड़िया में 40 और झालावाड़ के खानपुर में 27 मिलीमीटर बरसात हुई। इनके अलावा चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जयपुर, प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में बारिश हुई। सोमवार शाम को अचानक प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौसम बदल गया। इस दौरान अजमेर, पाली और सवाई माधोपुर समेत आस-पास के जिलों में बारिश का दौर चला। मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम अब स्ट्रॉन्ग होकर डीप डिप्रेशन बन गया। यह सिस्टम अब उत्तर-पश्चिम दिशा में ओडिशा, छत्तीसगढ़ की ओर आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से बारिश का दौर जारी रहेगा।
तीन जिलाें की लाइफलाइन बीसलपुर बांध लगातार छलक रहा है। डेम में पानी की बंपर आवक के चलते छह गेट पांचवें दिन भी खुले हैं। भीलवाड़ा, अजमेर और चित्तौड़ जिलों में हुई भारी बारिश से बांध में पानी की आवक में सहायक नदियां उफान पर हैं। इसके चलते बीसलपुर बांध के गेट खोलकर पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा है। ओवरफ्लो होने पर अब तक बांध से करीब 12 टीएमसी से अधिक पानी की निकासी हो चुकी है। जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में त्रिवेणी में पानी का बहाव चार मीटर से घटकर अब 3.90 मीटर पर है। लेकिन बांध में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। सहायक नदी खारी, डाई और बनास में पानी अभी उफान पर चल रहा है। बांध में हो रही पानी की आवक पर विभाग लगातार नजर रखे हुए है और आवक कम होने पर ही बांध के गेट खोलने अथवा गेटों की उंचाई घटाने का निर्णय किया जाएगा।
बांध के कैचमेंट एरिया में पर्यटकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। बनास नदी के आस पास बसे किसानों के चेहरे भी इस बार खिल उठे हैं। बनास नदी में बांध से छोड़े जा रहे पानी से उन्हे इस बार रिचार्ज होने पर भूजल स्तर बढ़ने से फसलों की बंपर बंपर पैदावार होने की उम्मीद है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित