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खड़िया खनन से आई दरारों के मामले पर सुनवाई 10 को

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। पंजीकृत की गई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की ति​थि नियत की है।

कोर्ट ने एसपी बागेश्वर से पूछा है कि 55 खुदानों की रिपोर्ट पेश करने के बाद और कितनों की रिपोर्ट बनाई है उसको भी कोर्ट में पेश करें। सरकार से यह बताने को भी कहा है कि किस तरह से खनन कार्य किया गया है उसका प्रमाण भी प्रस्तुत करें।

जांच कमेटी के अध्यक्ष नील कुमार से पूछा है कि खुदानों की जांच करने के लिए किस किस चीज की कमी है उससे अवगत कराएं। सुनवाई पर एसपी बागेश्वर व जांच कमेटी के अध्यक्ष अनील कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए।

एसपी ने कोर्ट में कहा कि अभी तक उनके द्वारा 72 खुदानों का निरीक्षण कर लिया गया है। जिसमें से 55 की रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जा चुकी है। जबकि चैयरमैन की तरफ से कहा कि अभी तक सभी खुदानों की जांच पूरी नही कर पाए है। क्योंकि उनके पास साधन कम है। खुदान स्वामियों की तरफ से कहा गया कि उनके ओर से खनन नियमों के तहत किया गया। कोई अवैध खनन नही किया गया। इसलिए इस पर लगी रोक को हटाया जाय। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वहां पर 147 खड़िया की खुदान है। वहां पर पोकलैंड जैसी भारी मशीनों के द्वारा खनन हुआ है। जिसकी वजह से वहां दरारें आई है।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पूर्व में कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा था कि अवैध खड़िया खनन से उनकी खेतीबाड़ी, घर, पानी की लाइनें चोपट हो चुकी है। जो धन से सपन्न थे उन्होंने अपना आशियाना हल्द्वानी व अन्य जगह पर बना दिया है। अब गावों में निर्धन लोग ही बचे हुए। उनके जो भी आय के साधन थे उन पर अब खड़िया खनन के लोगों की नजर टिकी हुई है। इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को प्रत्यावेदन भी दिए लेकिन उनकी समस्या का कुछ हल नही निकला। इसलिए अब हम न्यायलय की शरण में आए है। उनकी समस्या का समाधान किया जाए।

(Udaipur Kiran) / लता

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