रांची, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार की अपील पर बुधवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले की सुनवाई बुधवार काे एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट करने के बाद ही राज्य में निकायों का चुनाव करना है। राज्य के जिलों में ओबीसी की आबादी का आकलन की प्रक्रिया जारी है। पिछड़ा आयोग द्वारा ओबीसी की आबादी का आकलन किया जा रहा है। वहीं, प्रतिवादी पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की ओर से अधिवक्ता ने विनोद सिंह ने बताया कि सरकार राज के निकाय चुनाव को टाल रही है। सरकार ने चुनाव करना नहीं चाहती है। एकल पीठ ने भी चुनाव के संबंध में उनके पक्ष में फैसला दिया है।
तीन सप्ताह में राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने के चार जनवरी के हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश को रद्द करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से अपील (एलपीए) दायर की गई है। खंडपीठ ने पूर्व में मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ के द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार किया था।
अपील (एलपीए) में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में नियुक्त कर दिया गया है। यह राज्य के जिलों में ओबीसी की आबादी का आकलन करेगी। इस संबंध में डाटा राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगी। इसके आधार पर निकाय चुनाव में वार्डों में ओबीसी के लिए आरक्षण दिया जायेगा। इसलिए निकाय चुनाव पूरा करने के लिए समय दिया जाए। राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने एवं एकल पीठ के आदेश को रद्द करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया है। अपील में राज्य सरकार ने झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के प्रोविजन का हवाला देते हुए नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति को सही ठहराया है।
राज्य में नगर निकायों का चुनाव जल्द कराने को लेकर पूर्व पार्षद रोशनी खलखो सहित अन्य की याचिका को हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि तीन सप्ताह में झारखंड में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करें।
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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना