Uttrakhand

पलायन ग्रस्त गांवों में रह गए वृद्धों को सुविधा देने की मांग, सुनवाई 6 सप्ताह बाद

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने प्रदेश के खासकर दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्रों में पलायन ग्रस्त गावों में अकेले रह गए वृद्धों को मूलभूत सुविधा देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता से 6 सप्ताह के भीतर शपथ पत्र पेश करने को कहा है। कोर्ट ने शपथपत्र में यह भी बताने को कहा है कि ऐसे कितने वरिष्ठ नागरिक हैं जिनके द्वारा इसके लिए आवेदन किया गया है। सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि उनके पास मदद के लिए आवेदन नहीं आये, जबकि सरकार इसपर कार्य कर रही है। अब मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।

मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी समाजसेवी और हाई कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहीं अधिवक्ता दीपा आर्या ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों में जिन परिवारों के लोग नौकरी व अन्य कारणों से पलायन कर चुके हैं, उन परिवारों के वृद्ध अकेले ही मुश्किलों से भरा जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में, देखरेख से विरत इन लोगों का जीवन शरदकाल व बरसात के साथ अन्य समय भी बद से बदतर हो जाता है। इन क्षेत्रों में एनजीओ भी नहीं पहुंच पाती है, जिससे इन्हें समाज की तरफ से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाती है। याचिकाकर्ता ने इन वरिष्ठ नागरिकों को सहायता दिलाने की प्रार्थना की है। प्रार्थना में ये भी कहा है कि सरकार की आंगनबाड़ी व आशा बहनों के माध्यम से ऐसे लोगों का डाटा तैयार किया जाए और सरकार इन्हें तत्काल मदद पहुंचाए। वर्तमान में इन वरिष्ठ नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है इसलिए सरकार उनको समय-समय पर जागरूक भी करे। जनहीत याचिका में आयुक्त कुमायूं, गढ़वाल सहित जिला अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया गया है।

(Udaipur Kiran) / लता / वीरेन्द्र सिंह

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