नई दिल्ली, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली के साकेत कोर्ट ने उद्योगपति बीना मोदी के निजी सुरक्षा अधिकारी की उनके पुत्र समीर मोदी के खिलाफ मारपीट करने के आरोपों की शिकायत पर सुनवाई टाल दी है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट श्रेया अग्रवाल ने 9 अगस्त को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
साकेत कोर्ट ने 27 जून को याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया था। बीना मोदी के निजी सुरक्षा अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद राम ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने 20 साल सीआरपीएफ और दो साल एनएसजी में सेवाएं दी हैं। अब वे बीमा मोदी के निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि 30 मई को निजी सुरक्षा अधिकारी की गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड के गेट पर ड्यूटी लगाई गई थी। 30 मई को जसोला के ओमैक्स स्क्वायर में कंपनी की बोर्ड मीटिंग चल रही थी। निजी सुरक्षा अधिकारी बोर्ड मीटिंग के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। तभी समीर मोदी वहां पहुंचे और जबरन बोर्ड मीटिंग में प्रवेश करने की कोशिश की, जबकि जिस कमरे में मीटिंग हो रही थी वो बंद था। निजी सुरक्षा अधिकारी कमरे के गेट और समीर मोदी के बीच में आ गए, जिसके बाद समीर मोदी ने निजी सुरक्षा अधिकारी का कॉलर पकड़ा और उनसे मारपीट की। पाहवा ने कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज प्ले कर दिखाया जिसमें समीर मोदी और सुरेंद्र प्रसाद राम दिखाई दे रहे थे।
पाहवा ने कहा कि इस घटना को लेकर शिकायतकर्ता ने समीर मोदी के खिलाफ दो शिकायतें दी हैं लेकिन पुलिस ने इस घटना को लेकर समीर मोदी की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। समीर मोदी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि उनकी मां बीना मोदी ने उन पर हमले की योजना बनाई। बीना मोदी और कंपनी के बोर्ड मेंबर काफी प्रभावशाली हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बीना मोदी और उनके परिवार के बीच कंपनी पर वर्चस्व को लेकर पहले से विवाद चल रहा है। इससे जुड़े एक मामले में समीर मोदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए साकेत कोर्ट ने बीना मोदी और कंपनी के दूसरे निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे समीर मोदी को बोर्ड से नहीं हटाएं।
(Udaipur Kiran) पाश / पवन कुमार श्रीवास्तव