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बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि उसने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किया था। हाई कोर्ट इस मामले पर 5 सितंबर (गुरुवार) को सुनवाई करेगा।

दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दाखिल अपने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि उसने सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किया था। ये दिव्यांगता प्रमाण पत्र कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने जब इन प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि अहमदनगर की अथॉरिटी ने इन्हें जारी करने से इनकार कर दिया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूजा ने ये दिव्यांगता प्रमाण पत्र यूपीएससी परीक्षा में रियायत पाने के लिए जमा कराया था। इन्हीं रियायतों की वजह से पूजा खेडकर परीक्षा में सफल रही थी।

हाई कोर्ट ने फिलहाल पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा रखी है। 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यूपीएससी एक बार नियुक्त करने के बाद किसी को हटा नहीं सकता है। हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया था कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया। पूजा खेडकर ने 2012 से लेकर 2022 तक अपने नेम और सरनेम में कोई बदलाव या कोई धोखाधड़ी नहीं की है। उनकी जन्म तिथि, आधार कार्ड और एकेडमिक सर्टिफिकेट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया।

दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि यह मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है। इस मामले की वजह से सार्वजनिक विश्वास पर व्यापक असर पड़ा है और यह सीधे तौर पर पूरी परीक्षा के साथ चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता व अखंडता को प्रभावित करता है।

हाई कोर्ट ने 21 अगस्त को पूजा खेडकर को मिली राहत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था। 12 अगस्त को हाई कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी। पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पटियाला हाउस कोर्ट ने एक अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं। कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दिया और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं। 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था। पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी को पूजा खेडकर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि उन्हें इसकी सूचना प्रेस रिलीज के जरिये मिली थी। उसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर की बर्खास्तगी के आदेश की प्रति ई-मेल और उनके पते पर भेजने को कहा था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार

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