
गोपेश्वर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग की ओर चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बुधवार को दो दिवसीय मानवाधिकार संरक्षण एवं सुशासन के संवेदनीकरण पर परिवादों की सुनवाई शुरु हो गई है। पहले दिन चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग के कुल 21 परिवादों की सुनवाई हुई और दो परिवादों का निस्तारण किया गया। जबकि पांच परिवाद पंजीकृत किए गए।
जिलाधिकारी चमाेली संदीप तिवारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करना आवश्यक है। समाज में सभी की जिम्मेदारी है कि किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के हनन की जानकारी होने पर उसे उचित मंच पर रख निस्तारित किया जाए। 12 सितंबर गुरुवार को चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जनपद के 36 परिवादों की सुनवाई की जाएगी। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आशा कार्यकर्त्रियों को कानूनी जानकारी दी गई। इस दाैरान न्यायमूर्ति बीके बिष्ट, मानवाधिकार आयोग के सदस्य गिरधर सिंह धर्मसत्तू, राम सिंह मीणा, सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी, निबंधक विधि बृजेंद्र मणि त्रिपाठी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव पुनीत कुमार आदि मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल
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