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राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर  जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई 

बिलासपुर , 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेशभर की बदहाल सड़कों पर स्वत संज्ञान लेकर और जनहित याचिकाओं पर सोमवार को एक साथ सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने पक्ष रखा।

धनेली मंदिर हसौद राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क की बदहाली को लेकर महाधिवक्ता ने कहा की रिकंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है। इस सड़क के लिए 23 करोड रुपये की राशि का टेंडर किया गया है। वहीं न्यायमित्र ने पेंच रिपेयरिंग की जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा: यह क्या हो रहा है..? आप देख रहे हैं..? राष्ट्रीय राजमार्ग के हालात आप पेंचवर्क करके खत्म कर देंगे… इतनी हेवी लोड ट्रैफिक जा रही है..? आप टोल से कमाई कर रहे हैं। मोपका सेंदरी बाईपास के सड़क खराब होने की जानकारी दी गई। वहीं सेंदरी में काम को लेकर भी असंतुष्टि जाहिर की गई।कोर्ट ने मुख्य सचिव से काम के स्टेटस के डॉक्यूमेंट्री डॉक्यूमेंट पेश करने के लिए कहा है। इसके अलावा मंगला से उसलापुर ओवरब्रिज को लेकर भी सुनवाई के दौरान बात रखी गई। इस पर भी जवाब मांगा।

पिछली सुनवाई में एनएचएआई की ओर से सेंदरी को ब्लैक स्पॉट बताया था और दुर्घटनाओं को रोकने नई सर्विस सड़क बनाने की जानकारी दी थी। यह भी जानकारी दी गई थी कि राज्य शासन ने नई सड़कों के साथ ही मेंटनेंस के लिए ग्रांट जारी कर दिया है। एक महीने के भीतर काम पूरा कर लेने की जानकारी दी। सुनवाई में न्यायमित्र ने जानकारी दी। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से धीरज वानखड़े ने पक्ष रखा है। सोमवार को सड़क बदहाली और अन्य से जुड़ी अलग अलग जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, नगर निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग के रीजनल ऑफिसर को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब मांगा है।

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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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