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ज्यादा बस किराया वसूलने को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, मुख्यमंत्री के समक्ष मामला लंबित हाेने से कोर्ट से मांगा समय

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर, 17 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश में आम लोगों को बसों में किराये के नाम राउंड फिगर का बहाना देकर लाखों रुपये की हेराफेरी की जा रही है। इस मसले में राज्य सरकार ने बताया कि किराये पर पुनर्विचार के लिए पत्र गलती से विधि विभाग को भेज दिया गया था। अब इस संबंध में कैबिनेट में निर्णय होना है। जो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के समक्ष लंबित है, जिस पर निर्णय होना है।

दरअसल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच में सुनवाई हुई। वहीं चीफ जस्टिस ने पूर्व आदेश के परिपालन के बारे में पूछा, इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने अवगत कराया कि सरकार की तरफ से एक हलफनामा पेश किया गया है, जिसमें कुछ प्रस्तुतियाँ हैं। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कुछ दस्तावेजों को इस संबंध में लाया गया है, जिसमें से यह कहा गया है कि निर्णय प्रस्ताव और वर्तमान प्रस्ताव और यह मुद्दा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, सरकार के समक्ष लंबित है और नगरीय निकाय चुनावों के कारण यह रुका है। इसमें कार्यालय से जल्द सूचित कर दिया जाएगा। वहीं हाई कोर्ट से समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए सरकार को दो हफ्ते का समय देते हुए 17 मार्च 2025 को अगली सुनवाई रखी है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में प्रदेश में सिटी बसों के बंद होने से आम लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर खबर पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसमें हाई कोर्ट में एक तथ्य आया कि राउंड फिगर के नाम पर यात्रियों से लूट की जा रही है। जिसपर कोर्ट ने हर बस स्टैंड पर किराया सूची चस्पा करने, बसों में डिस्प्ले बोर्ड लगाने और किराये पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस मामले में 15 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान शासन ने जवाब दिया कि बताया गया था कि इस संबंध में विधि एवं विधायी विभाग को पत्र भेजा गया है। विधि एवं विधायी विभाग से इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी। 8 नवंबर को सुनवाई के दौरान बताया गया कि विधि विभाग को पत्र गलती से भेज दिया गया था। इस संबंध में कैबिनेट में निर्णय होना है। हाई कोर्ट ने इस पर चार सप्ताह के भीतर कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लेने को कहा है।

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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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