
जयपुर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुडे चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता रहे अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने के मुद्दे पर बहस हुई। वहीं अदालत ने शांति धारीवाल के वकील की मां के निधन के चलते मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को रखी है। वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार की ओर से गठित जस्टिस आर एस राठौड कमेटी के गठन को चुनौती देने वाली याचिका को मामले में अलग कर दिया है। अदालत ने पूर्व आईएएस जीएस संधू की इस याचिका को नियमित बैंच के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव की एकलपीठ ने यह आदेश शांति धारीवाल और राज्य सरकार की आपराधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान संधू और अन्य तत्कालीन सरकारी अधिकारियों के वकीलों ने मामले में अशोक पाठक के पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र का विरोध किया। वहीं राज्य सरकार के स्पेशल पीपी डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों को सुनवाई के लिए सीजे की एकलपीठ में भेजा है। वहीं जीएस संधू ने जस्टिस आरएस राठौड कमेटी के गठन को लेकर राज्य सरकार के प्रशासनिक आदेश को चुनौती दी है। ऐसे में आपराधिक मामले के साथ इस याचिका की सुनवाई नहीं हो सकती। वहीं अदालत को बताया गया कि शांति धारीवाल के अधिवक्ता वीआर बाजवा की मां का निधन हो गया है। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को तय करते हुए राठौड कमेटी को चुनौती देने वाली याचिका को नियमित रोस्टर वाली एकलपीठ में भेज दिया है।
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(Udaipur Kiran)
