नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ मंदिर के निकट बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील संजय हेगड़े ने कहा कि अधिकारियों का तर्क है कि यह निर्माण अरब सागर के पास था तो इनको गिराने से पहले सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेने से किसने रोका था। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है, हमें उस जवाब पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करना है। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई तीन हफ्ते के लिए टाल दी।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर को सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमें लगता है कि अधिकारियों ने कोर्ट की अवमानना की है तो हम न केवल उन्हें जेल भेजेंगे बल्कि वहां यथास्थिति फिर से बहाल करने का भी निर्देश देंगे। सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है। गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को अपने आदेश में आरोपितों को सजा देने के तौर पर इस्तेमाल हो रहे ‘बुलडोजर जस्टिस’ पर लगाम कसते हुए विभिन्न राज्यों में हो रही बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई तक बिना कोर्ट की इजाजत के इस दरम्यान कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि अगर सार्वजनिक रोड, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण है, तो उसे हटाये जाने पर कोई रोक नहीं है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम