किशनगंज,25 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । शहर के मोतीबाग स्तिथ डंपिंग जॉन में नगर परिषद के द्वारा शहर में साफ सफाई कर कचड़े का अंबार लगाया गया है। कचड़े से निकल रहे जहरीला धुंआ से स्थानीय लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।
पूरे इलाके में जहरीला धुंआ फैल चुका है। स्थानीय लोगो द्वारा इसका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा लेकिन जिला प्रशासन और नगर परिषद द्वारा उचित कार्रवाई नही की जा रही है। लोगो मे आक्रोष का माहौल व्याप्त है।
बुधवार को स्थानीय लोगो ने कहा कि हम लोगो का जीना मुश्किल हो गया है जहरीला धुंआ के कारण। जहरीली गैस के बीच जी रहे हैं। सांस लेने में परेशानी हो रही है।
बच्चों को सांस लेने में मुश्किल होने पर मौतीबाग मोहल्ला से लोग दूर चले जाते हैं। अस्थमा के रोगी भी मोहल्ला छोड़ने को विवश हैं। वार्डवासी गंदगी की गैस के बीच जी रहे हैं। मोतीबाग, वार्ड नंबर 7 में स्थित सड़क के बगल में नगर परिषद के द्वारा पूरे शहर के कचरे का भंडारण बना दिया गया और उसमें आग लगाई जाती है। जिससे निकली जहरीली गैस शुद्ध हवा की सांस का दम घूट देती है।
बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा के भी शिकार लोग हो रहे हैं। मोतीबाग मोहल्ले से गुजरने वाले लोगों को भी परेशानी होती है। ऐसे लोग नाक बंद कर लेते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।
जहरीली गैस से पीड़ित स्थानीय लोगों ने बताया कि लगातार पांच दिन से कचरे में आग लगी हुई है। तीन किलोमीटर तक धुआं फैल गया है। छोटे-छोटे बच्चों को घर के अंदर खिड़की बंद करके रखे हैं। फिर भी बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है। बूढ़े-बच्चे तथा अन्य लोग खांसी, सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। कई लोग अस्थमा के शिकार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसका निराकरण नहीं हुआ तो पूरा मोतीबाग ग़ंदी हवा जैसे जहर की चपेट में आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद के द्वारा पूरे शहर का कचरा मोतीबाग में फेंका जाता है। पूरे मोतीबाग को कचरा घर बना दिया गया है। और इसमें आग लगा देने पर सभी लोग परेशान हो जाते हैं। वार्डवासी मालती देवी बताईं कि मक्खी मच्छर इतने हो गए हैं कि सांस लेते समय नाक में चले जाते हैं। इस परेशानी को बयां नहीं किया जा सकता। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। हम लोग परेशान हैं। यहां की लगभग 5 से 6 हजार की आबादी हैं। सभी लोग इस जहरीले गैस की चपेट में आ गए हैं। गौरतलब है कि मोतीबाग वार्ड नंबर 7 में सड़क के किनारे स्थित एक भू-भाग पर सम्पूर्ण शहर का कचड़ा अवशिष्ट पदार्थ, मरे हुए जानवर इत्यादि वर्षों से डंप किया जा रहा है। जिसके कारण वार्डवासी हमेशा अस्पताल, प्राईवेट डाक्टर के यहां दौड़ते रहते है। उल्टी, बुखार सहित कई प्रकार की बीमारी से लोग ग्रस्त हैं। जिस कारण सांस लेने में घुटन होती है। सांस की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह