Bihar

स्वास्थ्य मंत्री ने किया मॉडल सदर अस्पताल का शुभारंभ, 27 नए एचडब्ल्यूसी की भी सौगात

बिहार के मुजफ्फरपुर में मॉडल अस्पताल का उद्धाटन करते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय

-29.80 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है मॉडल अस्पताल

पटना, 14 मई (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को मुजफ्फरपुर में मॉडल सदर अस्पताल के शुभारंभ पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सोच सिर्फ भवन बनाना नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सेवाओं का विस्तार करना भी है। इसी उद्देश्य से मुजफ्फरपुर में 29.80 करोड़ की लागत से मॉडल सदर अस्पताल के शुभारंभ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में 27 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। इसके अक्टूबर में पूरा होने का अनुमान है। एचडब्ल्यूसी के निर्माण में 11 करोड़ 56 लाख की लागत लगेगी।

मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि मॉडल सदर अस्पताल में कुल 100 बेड उपलब्ध होगें। इसके अलावा सभी तरह की उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा का लाभ भी यहां लिया जा सकेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में बात करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा नाम की कोई चीज नहीं थी। कहीं-कहीं सिर्फ खंडहरनुमा भवन दिखाई देते थे। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए अंतरविभागीय समन्वय, ग्राम पंचायतों के माध्यम से जागरूकता सहित अन्य कार्य के लिए जिला प्रशासन एवं जिलाधिकारी सुब्रत सेन का भी आभार प्रकट किया।

मानव बल की कमी को किया जाएगा पूरा:

मंगल पांडेय ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से यह प्रकाश में आता है कि विभाग में और मानव बल की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए अगले दो-तीन महीनों में लगभग 41 हजार नई नियुक्तियां करने जा रहे हैं। इससे स्वास्थ्य संस्थानों में मानव बल की कमी को पूरा किया जा सकेगा। नए बने मॉडल सदर अस्पताल को तीन फ्लोर का बनाया गया है। इसके निचले तल पर 16 विभागों की ओपीडी सेवाएं शुरू की गयी हैं। यहां मरीजों के बैठने की उचित व्यवस्था है। अस्पताल में 20 बेड इमरजेंसी सेवा के लिए हैं। पहले फ्लोर पर आइपीडी और ऑपरेशन थियेटर की सुविधा उपलब्ध है।

मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पिछले पांच छह वर्षों से हमने चमकी को लगभग समाप्त सा कर दिया है। शुभारंभ के मौके पर माननीय मंत्री ने एएनएम को चमकी किट भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह हर स्वास्थ्य संस्थानों को दिए जाएगें। इसमें 13 प्रकार के उपकरण हैं। उपकरण से संबंधित प्रशिक्षण भी प्रदान की गयी है।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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