—कम वजन वाले 5500 शिशुओं का हुआ उपचार
वाराणसी, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार से मातृ एवं शिशु देखभाल मॉडल बन गया है। इसके लिए संचालित कार्यक्रमों में अभिनव प्रयोग कर उच्च स्वास्थ्य मानकों को स्वास्थ्य विभाग ने स्थापित किया है।
गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि संस्थागत प्रसव, ऑपरेशन से प्रसव (सिजेरियन) और कम वजन वाले शिशुओं के प्रभावी उपचार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन प्रयासों से शिशु मृत्यु-दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु-दर (एमएमआर) और नवजात मृत्यु-दर (एनएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने बताया कि जनपद में तीन हजार से अधिक मॉडल वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस) का आयोजन किया जा रहा है। इन वीएचएनडी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की जाँच के साथ साथ टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है, जिनकी लगातार निगरानी की जा रही है। वीएचएनडी स्थलों को अधिक सुलभ एवं उपयुक्त स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। प्रमुख प्रसव स्थलों पर बेहतर एनबीएसयू (नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई) के द्वारा शिशुओं की देखभाल की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जटिल प्रसव के लिए सर सुन्दर लाल चिकित्सालय (बीएचयू) सहित कुल 10 एफआरयू (प्रथम रेफरल यूनिट) स्थापित किये गये हैं। कम वजन वाले शिशु की देखभाल के लिए 12 नये एमएनसीयू (मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल इकाई) की स्थापना की गई है। 200 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (स्वास्थ्य उप केन्द्रों) पर अत्याधुनिक उपकरणों एवं औषधियों की सुविधायें प्रदान की गई हैं। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल को प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया गया है।
सीएमओ ने बताया कि संस्थागत प्रसव में विगत तीन वर्षों में 60 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है, जहां वर्ष 2020-21 में 55,132 संस्थागत प्रसव हुये थे वहीं वर्ष 2023-24 में 78,178 संस्थागत प्रसव हुये हैं। सिजेरियन प्रसव में 700 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। जहां वर्ष 20-21 में 2,705 में जटिल प्रसव कराये गए थे, वहीं वर्ष 23-24 में 18,351 सिजेरियन ऑपरेशन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की महिलाओं की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है। —————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी