Chhattisgarh

बलरामपुर : विशेष पिछड़ा जनजाति के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

बलरामपुर, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने हेतु प्राथमिकता से कार्य करते हुए विशेष पिछड़ी जनजाति के बसाहटों को चिन्हांकित कर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में स्वास्थ्य लाभ के साथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित एवं पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

जनसंपर्क विभाग से शुक्रवार काे जारी विज्ञप्ति के अनुसार शिविरों के माध्यम से शासन की मंशानुसार उन समुदायों तक मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाते हुए सुविधाएं दी जा रही है। शिविर में ग्रामीणों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा जिसमें मौसमी बीमारियों सहित ब्लड प्रेशर, मधुमेह (डायबिटीज), हीमोग्लोबिन, टीबी, कुपोषण, नेत्र जांच, सिकलसेल, मलेरिया, बच्चों की सामान्य जांच सहित विभिन्न बीमारियों का परीक्षण किया जाता है और जांच उपरांत चिकित्सकों द्वारा आवश्यकता अनुसार रोगियों को निःशुल्क दवाइयां प्रदान की जाती है। साथ ही महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से पोषण, मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य संबंधी परामर्श, नियमित स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, संतुलित आहार, और जीवनशैली में सुधार से संबंधित परामर्श भी दिया जाता है।

शिविर में राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही आयुष्मान कार्ड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पात्र लाभार्थियों का मौके पर ही पंजीयन भी कराया जा रहा है। दूरस्थ और जनजातीय इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने हेतु मोबाइल मेडिकल यूनिट्स और नियमित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन के साथ शिविर के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति समुदायों को स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूक करते हुए समुदाय को सशक्त बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देशन में जिले के हर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य सरकारी योजनाओं के साथ लाभ पहुंचाने शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिले में विगत एक वर्ष में अब तक 2239 शिविर लगाएं गए हैं, जिसमें 84 हजार 169 मरीजों को लभान्वित किया गया है। साथ ही 58 हजार 742 मरीजों का प्राथमिक उपचार कर निःशुल्क दवाईयों का वितरण किया गया है।

(Udaipur Kiran) / विष्णु पाण्डेय

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