
धमतरी, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरुपूर्णिमा पर 21 जुलाई को गायत्री शक्ति पीठ धमतरी में विश्व कल्याण को लेकर हवन-पूजन किया गया। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में गायत्री परिजन शामिल हुए। सभी ने विश्व कल्याण की भावना को लेकर यज्ञ में आहूति दी।
कार्यक्रम में गुरु महिमा का संदेश वाचन किया गया। यज्ञाचार्य गजानंद साहू एवं निर्मला कश्यप द्वारा यज्ञीय कर्मकांड एवं दीक्षा संस्कार संपन्न कराया गया। गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर चार सदस्यों ने गुरु दीक्षा ली। एक बालक का विद्यारंभ संस्कार कराया गया। इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ धमतरी के वरिष्ठ सदस्यों का तिलक लगाकर एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ कार्यकर्ता खिलेश्वरी किरण ने गुरु के प्रति अपनी विचार रखते हुए बताया कि गुरु के चरणों के आश्रय से ही व्यक्ति का जीवन सफल होता है। सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र है। भाटापारा गायत्री शक्तिपीठ से आई डा वीना साहू ने अपने अनुभव रखते हुए गुरु चरणों में आने के बाद हुए अपने जीवन के सकारात्मक प्रभावों से अवगत कराया।
जीवन में होते हैं तीन प्रकार गुरु
देवी भूमिका प्रवचन कर्ता ने बताया कि व्यक्ति के जीवन में गुरु तीन प्रकार के होते है पहले गुरु माता पिता, दूसरे गुरु शिक्षक व तीसरे गुरु आध्यात्मिक गुरु जो हमे ईश्वर से मिलाने का कार्य करते हैं। गुरु को हमेशा छानबीन करके अपने जीवन में लाना चाहिए, क्योंकि गलत गुरु बनाने का परिणाम हमेशा बुरा होता है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर
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