Haryana

हरियाणा पुलिस काे मिलेगी आधुनिक पिस्ताैल व मशीनगन

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा

-आधुनिकीकरण के लिए22 करोड़ मंजूर

चंडीगढ़, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हरियाणा पुलिस के जवानाें को अब पिस्तौल और सीक्यूबी (मशीन गन) जैसे उन्नत हथियार मिलेंगे।पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ समिता मिश्रा की अध्यक्षता में गुरुवार की शाम राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एसएलईसी) की बैठक हुई। जिसमें वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) के लिए राज्य कार्य योजना की समीक्षा की गई।

बैठक के दौरान डॉ सुमिता मिश्रा ने कहा कि हमारे पुलिस बल का आधुनिकीकरण न केवल अपराध की रोकथाम और जांच के लिए बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष और समुदाय के अनुकूल कानून प्रवर्तन प्रणाली के निर्माण के लिए भी आवश्यक है। इस अवसर पर समिति ने 22.09 करोड़ रुपये की राज्य कार्य योजना को मंजूरी दी गई, जिसमें पिस्तौल और सीक्यूबी (मशीन गन) जैसे उन्नत हथियार और उपकरण, छवि और वीडियो संवर्द्धन सॉफ्टवेयर, चेहरे की पहचान और तुलना सॉफ्टवेयर, सहायक उपकरण के साथ पॉलीग्राफ सिस्टम, अगली पीढ़ी के सीक्वेंसर और ट्रिनोक्यूलर स्टीरियो-जूम माइक्रोस्कोप जैसे एफएसएल उपकरण, साथ ही हाई-टेक संचार, सुरक्षा, सीसीटीएनएस और प्रशिक्षण उपकरण की खरीद शामिल है।

इस आधुनिक उपकरण के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए डोमेन विशेषज्ञों को लगाया जाएगा। भारत सरकार की एमपीएफ योजना के अनुरूप वर्ष 2025-26 की योजना स्मार्ट प्रौद्योगिकियों और क्षमता निर्माण पहलों के एकीकरण के माध्यम से परिचालन दक्षता, जवाबदेही और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग में सुधार पर केंद्रित है। बैठक में बताया गया कि अब तक हरियाणा के 13 जिलों में एनालॉग संचार उपकरणों को डिजिटल सिस्टम द्वारा बदल दिया गया है और जल्द ही सभी जिलों को इसके तहत कवर किया जाएगा।

डॉ सुमिता मिश्रा ने अधिकारियों को इस वर्ष के बजट में घोषित पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 150 करोड़ रुपये की योजना के पहले चरण के तहत तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए एक अलग प्रस्ताव बनाया जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस बल को भविष्य के लिए तैयार और अन्य देशों के बराबर बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने एक टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया, जो भविष्य की जरूरतों के अनुसार पुलिस बल में दीर्घकालिक संरचनात्मक बदलाव करने के उपाय सुझाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए डोमेन विशेषज्ञों से परामर्श किया जा सकता है और अधिकारियों को अगले एक महीने के भीतर इस संबंध में एक प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया।

समिति ने पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, संचार और गतिशीलता प्रणालियों को आधुनिक बनाने, फॉरेंसिक क्षमताओं को उन्नत करने और पुलिसिंग में डेटा एनालिटिक्स में उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श किया। पुलिस कर्मियों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया। बैठक में एडीजीपी एएस ढिल्लों तथा एचएस दून के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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