बीएसी की बैठक में कांग्रेस की तरफ से हुड्डा की बजाए गीता भुक्कल हुईं शामिल
चंडीगढ़, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक सोमवार को विधानसभा सचिवालय में हुई, जिसमें तय किया गया कि 13 नवंबर से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र तीन दिन चलेगा। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि शीतकालीन सत्र में तीन बैठकें होंगी।
स्पीकर हरविंद्र सिंह कल्याण की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, संसदीय कार्य मामले मंत्री महीपाल सिंह ढांडा, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के अलावा कांग्रेस से पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, निर्दलीय विधायकों की ओर से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल व इनेलो के रानियां से विधायक अर्जुन चौटाला बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 13 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र के पहले दिन राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय का अभिभाषण होगा। इसी दिन अभिभाषण पर चर्चा भी होगी। 14 नवंबर को सत्र की दूसरी बैठक होगी। 15 को गुरुनानक जयंती, 16 को शनिवार और 17 को रविवार का अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 18 नवंबर को सत्र की आखिरी बैठक होगी। इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। इस सत्र में सरकार की ओर से कई आर्डिनेंस और विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे। सरकार कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत कार्यरत एक लाख 20 हजार के लगभग कांट्रेक्ट कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र यानी 58 वर्ष तक रोजगार की गारंटी का ऐलान कर चुकी है। इस संदर्भ में नायब सरकार के पहले कार्यकाल में ही आर्डिनेंस जारी किया जा चुका है। अब शीतकालीन सत्र में इस आर्डिनेंस को पेश किया जाएगा। इस पर पक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी बात रख सकेंगे। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में नेता प्रतिपक्ष भी बतौर सदस्य शामिल होते हैं, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अभी तक विधायक दल के नेता का फैसला ही नहीं किया है। ऐसे में कांग्रेस विधायकों की ओर से पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने भाग लिया। बैठक के बाद विधानसभा के डिप्टी स्पीकर कृष्ण लाल मिढ्डा ने कहा कि फिलहाल बिजनेस के अनुसार ही तीन दिन सत्र चलाने का फैसला लिया गया है। मिढ्ढा ने कांग्रेस की गुटबाजी पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस का आपसी झगड़ा ही खत्म नहीं हो रहा। संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि लोगों को भी न केवल सरकार से बल्कि विपक्ष के नेताओं से भी विधानसभा सत्र के बारे खास लगाव रहता है और वे चाहते हैं कि उनके क्षेत्र की मांगें सदन में उठाई जाएं, परंतु विपक्ष का कोई नेता ही नहीं है तो जनता को विपक्ष से क्या उम्मीद हो सकती है। मंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से सदन चलाने को तैयार है। अनुपूरक मांगों के अलावा कुछ अध्यादेश भी सदन में पारित किए जाएंगे। इसके अलावा अन्य विधायी प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सदन में एक नई परिपाटी लागू की है। इसके तहत हर विधायक को बजट सत्र हो या फिर शीतकालीन सत्र हो, बोलने का मौका दिया जाता है। विपक्ष के हर मुद्दे का जवाब सदन में पुख्ता तौर पर दिया जाएगा। बेहतर होता कि विधानसभा सत्र से पहले विपक्ष अपने नेता प्रतिपक्ष का नाम तय कर लेते। विधानसभा सत्र हरियाणा का है, जिसका महाराष्ट्र चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस सदन के नाम पर लीपापोती कर जनता को गुमराह कर रही है। हालांकि जनता पहले ही कांग्रेस को आईना दिखा चुकी है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा