
चंडीगढ़, 2 मई (Udaipur Kiran) । पंजाब सरकार की ओर से भाखड़ा डैम के कंट्रोल रूम पर ताला लगाने और हरियाणा की मांग के अनुसार पानी न दिए जाने पर अब हरियाणा सरकार कानूनी लड़ाई लड़ऩे की तैयारी में है। पंजाब सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए आज दिनभर कानूनी विशेषज्ञों की टीम इस पर मंथन करती रही। जल विवाद को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। यह जानकारी हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता
में दी।
एसवाईएल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को भी भाखड़ा केस में आधार बनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार के वकीलों ने आज इस संबंध में पूर्व में दिए गए फैसलों के बारे में भी पता किया। शुक्रवार को दिल्ली में भाखड़ा ब्यास बोर्ड मैनेजमेंट के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव से मीटिंग में पानी देने को लेकर सहमति नहीं बनी। बैठक में पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की है।
हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि हम अपने पानी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम इसको लेकर याचिका दायर करेंगे। संभावना है कि जल्द ही याचिका दाखिल करेगी। आगे छुट्टियां है, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द इस पर फैसला हो जाए। श्रुति चौधरी ने कहा कि हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए। हर साल जैसी व्यवस्था थी, अब भी वैसी ही है तो फिर पंजाब सरकार की ओर से ऐसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार को समझना चाहिए कि वे आम लोगों को परेशान न करें। श्रुति चौधरी ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने जल में जहर मिलाने की बात कही थी, उसी राह पर चलते हुए भगवंत मान ने अपने पद की गरिमा ना रखते हुए पानी रोकने का काम किया गया।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
