चंडीगढ़, 20 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कंसलटेंट की सेवाओं को खत्म कर दिया है। यह डॉक्टर अब केवल अस्पतालों में ही काम कर सकेंगे। प्रशासनिक पदों पर काम करने के अधिकार उन्हें नहीं होंगे। ऐसे सभी डॉक्टरों को तुरंत प्रभाव ने प्रशासनिक पदों से रिलीव करके उन्हें अस्पतालों में क्लीनिकल सेवाओं में तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के निर्देशों पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने मंगलवार काे इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने इस निर्देश पर तुरंत एक्शन लेते हुए इस बात विभाग के एसीएस को सूचित करवा दिया है।
दरअसल, पूर्व की मनोहर सरकार ने राज्य में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति के बाद डॉक्टरों को कंसलटेंट के तौर पर नियुक्त किया था। उस समय स्पष्ट तौर पर यह तय हुआ था कि कंसलटेंट के पदों पर कार्यरत डॉक्टर अस्पतालों में काम करेंगे और मरीजों का उपचार करेंगे।
मुख्यालय के पास बड़ी संख्या में इस तरह की शिकायतें पहुंचीं कि कंसलटेंट पदों पर कार्यरत डॉक्टर अस्पतालों की बजाय पंचकूला स्थित प्रदेश मुख्यालय और जिलों में सीएमओ (सिविल सर्जन) कार्यालयों में प्रशासनिक पदों पर बैठे हैं। अस्पतालों में मरीजों का उपचार करने की बजाय कंसलटेंट दफ्तरों में बैठकर फाइलों में समय बिता रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक की ओर से विभाग के प्रशासनिक सचिव को लिखे गए पत्र में सूचित किया है कि सभी कंसलटेंट्स से प्रशासनिक कार्य वापस लेते हुए उन्हें मूल पोस्टिंग स्थान पर कार्यग्रहण करने और नैदानिक सेवाएं देने के निर्देश जारी किए हैं। इस पत्र में निदेशालय में प्रशासनिक पदों पर बैठे कई डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। डॉक्टर प्रवीन सेठी, अपराजिता, रेखा सिंह, नीरू कपूर व सुवीर सक्सेना को प्रशासनिक पदों से हटाकर मूल पोस्टिंग स्थान पर कार्य करने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
