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पेपर लीक गैंग के हर्षवर्धन को पटवारी के पद से हटाया

पेपर लीक गैंग के हर्षवर्धन को पटवारी के पद से हटाया

जयपुर, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । पेपर लीक गैंग के हर्षवर्धन मीणा को 21 मार्च को जिला कलेक्टर दौसा ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की एसआईटी ने आरोपित को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद हर्षवर्धन मीणा जेल में है। एसओजी जेल से रिमांड पर लेकर कई बार पूछताछ कर चुकी है। आरोपित के खिलाफ छह से अधिक एफआईआर दर्ज है।

एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामलों में राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति दिखाई दे रही है। पेपर लीक मामलों में पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार हो रहे एक्शन से बदमाशों का मनोबल हमेशा के लिए टूटेगा। सरकार पेपर लीक मामलों में लिप्त राज्यकर्मियों को बर्खास्त कर के एक संदेश दे रही है। इससे आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति इस तरह के अपराध नहीं करेगा। गैंग के सरगना पर विशेष नजर रख कर हर केस का फीड बैंक सरकार तक पहुंचाया जा रहा है। इसका ही परिणाम है कि पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना पटवारी हर्षवर्धन मीणा को डीएस दौसा देवेन्द्र कुमार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 में गिरफ्तारी से पहले महवा में पटवारी के पद पर कार्यरत हर्षवर्धन मीणा पर लगे तीन आरोपों की जांच पूरी होने के बाद आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार द्वारा शुक्रवार को राज्य सेवा से बर्खास्त किया गया है। हर्षवर्धन पर पहला आरोप 2 जनवरी, 2024 से अनुपस्थित चलना, दूसरा राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होने से सम्बन्धित प्रकरण में संलिप्त होने पर एसओजी 18 फरवरी 2024 को नेपाल बोर्डर से भारत की सीमा में आते हुए एक साथी के साथ भारत-नेपाल सीमा पर स्थित शहर सोनोली (उत्तरप्रदेश) से गिरफ्तार किया जाना और तीसरा आरोप स्वयं तथा परिजनों के नाम से विभिन्न प्रकार की चल व अचल सम्पत्ति बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के अर्जित किया जाना है, जिसका वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में उल्लेख नहीं किया गया था। पेपर लीक गिरोह के सरगना हर्षवर्धन मीणा की पत्नी सरिता मीणा भी भीलवाड़ा में पटवारी के पद पर कार्यरत थी। जिसने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में स्वयं की जगह डमी अभ्यर्थी बैठा लिखित परीक्षा पास की थी, जिसमें फरार चल रही है। सरिता पर लगे तीन आरोपों की जांच पूर्ण होने के बाद आरोप प्रमाणित पाए जाने पर तत्कालीन भीलवाड़ा कलेक्टर नमित मेहता द्वारा 24 दिसम्बर 2024 को राज्य सेवा से बर्खास्त किया गया था। निलंबित पटवारी सरिता मीणा पर पहला आरोप 15 जनवरी 2024 से बिना अनुमति एवं सक्षम स्वीकृति के मोबाइल स्विच ऑफ कर कार्य स्थल से अनुपस्थित रहना, दूसरा आरोप कार्यस्थल पटवार हल्का बारणी का राजस्व रेकार्ड किसी अन्य पटवारी को नहीं देकर गुलाबपुरा स्थित निजी आवास में रखना, जिससे राजस्व रेकार्ड खुर्द-बुर्द होने की संभावना थी। तीसरा आरोप आरपीएससी द्वारा आयोजित उप निरीक्षक पुलिस एवं प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा- 2021 में अपने स्थान पर किसी अन्य को बैठाकर लिखित परीक्षा पास किया जाना है।

सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामलों की जांच के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित एसआईटी के बाद से लेकर आज तक 45 (प्रशिक्षु उप निरीक्षक-2021) सहित भर्ती सम्बन्धी अन्य परीक्षाओं में संलिप्तता पाए जाने पर कुल 86 लोक सेवकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जिसमें प्रमुख रूप से अमृत मीणा (पूर्व कॉलेज व्याख्याता), आरएएस भर्ती, 2013 का पेपर लीक का सूत्रधार, सरनाऊ (सांचौर) के प्रधान का पुत्र ओमप्रकाश ढाका (अध्यापक), पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई का भाई भीखाराम ( अध्यापक) शामिल हैं। पेपर लीक मामलों में की जा रही कार्रवाई की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके तहत शेष 189 लोकसेवकों के विरुद्ध विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है।

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(Udaipur Kiran)

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