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हरिद्वार, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । तीर्थनगरी में कांवड़ मेले का आगाज हो चुका है। ऐसे में अब यहां कावड़ के अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं। इस बार कांवड़ियों का उत्साह पिछली बार की अपेक्षा काफी अधिक देखने को मिल रहा है। कांवड़िए अलग ही अंदाज में कांवड़ उठाते नजर आ रहे हैं। इस बार सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र हरिद्वार में भोले की कांवड़ और बाहुबली कांवड़ बनी हुई है।
कांवड़ मेले में आकर्षण का केंद्र बनी भोले की कांवड़ को लेने वालों की कतार बनी हुई है। इसको लेकर जाते हुए कांवड़ियों को देख हर कोई दंग है। कांवड़ियों द्वारा कंधे पर बिठाकर भोले को अपने-अपने गंतव्य की ओर ले जाया जा रहा है। जब इस कांवड़ को ले जाने का मकसद कांवड़ियों से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पहले तो हम जल लेकर कांवड़ में जाया करते थे। अब हम बाबा भोले को ही अपने साथ घर लेकर जा रहे हैं। हमारे घरवाले भी इसे देख प्रसन्न होते हैं। हम अपने बाबा भोले की पूरे साल सेवा करते हैं। पूरे रास्ते भर में बाबा भोले की सेवा करने का मौका मिलता है। भोले को कंधे पर बिठाकर ऐसा लगता है, मानो साथ-साथ भगवान हमारे साथ इस कांवड़ में चल रहे हों।
इन कांवड़ों को बनाने वालों का कहना है कि पहले सामान्य कांवड़ों की बिक्री ज्यादा हुआ करती थी। इस बार भोले की कांवड़ और बाहुबली शिवलिंग की कांवड़ की ज्यादा डिमांड है। जितने पीस हमने बनाकर तैयार किए थे, वह अब तक बिक गए हैं। हमें और कांवड़ मंगवाने पड़ रहे हैं। हर कोई भोले की कांवड़ और बाहुबली की कांवड़ ले जाना चाहता है। उन्होंने बताया कि सामान्यतया 3000 रुपये से भोले की कांवड़ शुरू हो जाती है। ये कीमत 9000 तक जाती है। इसी के साथ बाहुबली कांवड़ शिवलिंग के साइज पर डिपेंड करती है, जो कि 2000 से शुरू हो जाती है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / वीरेन्द्र सिंह
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