Uttrakhand

हरदा के आरोप सनसनी फैलाने की कोशिश, निष्पक्षता से हो रही कार्रवाई : सुरेश जोशी

उत्तराखंड भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी।

– इधर-उधर की बात नहीं, सीधा बताएं गौ-हत्यारों के पक्ष में क्यों खड़ी है कांग्रेस? : भाजपा

देहरादून, 07 सितंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा ने रानीखेत विधायक के भाई को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (हरदा) के आरोपों को राजनैतिक लाभ के लिए सनसनी फैलाने की कोशिश बताया है। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में अब तक हुई कानूनी कार्यवाही निष्पक्षता की पुष्टि करती है। वहीं गौकशी को लेकर कांग्रेस के बयान पर कटाक्ष किया कि वे इधर-उधर की बात न करें। जनता सब जानना चाहती है। वे गौ-हत्यारों के पक्ष में क्यों खड़े हैं?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने स्पष्ट करते हुए कहा कि धामी सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चाक-चौबंद है और बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई हो रही है। भारत-नेपाल सीमा की जिस घटना की बात वे कर रहे हैं, वह भी इसी सच्चाई को तस्दीक करती है। वहां यदि कुछ भी गलत पाया गया तो मौके पर उचित कानूनी कार्यवाही हुई है और किसी को कोई भी विशेष तरजीह नहीं दी गई है कांग्रेस की सरकारों की तरह। उन्होंने हरदा के माओवाद वाले बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि बिना तथ्यों के केवल सनसनी पैदा करने के लिए बड़े नेताओं का ऐसे आरोप लगाना उचित नहीं है। भाजपा सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी पारदर्शिता और कड़ाई से काम कर रही है। जब भी कोई घटना सामने आती है, उसपर तत्काल कार्रवाई की जाती है। इस मसले पर भी कानून अपना काम कर रहा है। लिहाजा प्रत्येक मुद्दे पर राजनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से बयानबाजी करने से सभी को बचना चाहिए।

वहीं गौ-हत्यारों संग खड़ा होने के आरोपों पर कांग्रेस की सफाई को नाकाफी बताते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इधर-उधर की बात करने की बजाय सीधा जवाब देना चाहिए। देवभूमि की जनता कांग्रेस से एक शब्द में जवाब चाहती है। वे गौकशी करने वालों के पक्ष में हैं या नहीं? हालांकि इसका जवाब उनकी तुष्टिकरण नीति में ही स्पष्ट हो जाता है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि में गौ-हत्यारों को संरक्षण देने वालों को जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करने वाली है। कानून व्यवस्था की आड़ में गौकशी करने वालों का साथ देना कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा है, जिसे लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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