Uttar Pradesh

हड़प्पा सभ्यता ने भारतीय नवजागरण में नवीन आयाम जोड़े: प्रो.बी.वी. शर्मा

एडनट संगठनों की गोष्ठी
एडनट संगठनों की गोष्ठी

—हड़प्पा सभ्यता की खोज के 100 वर्ष पूरे होने पर बीएचयू में बायोक्लूज़ और एडनट संगठनों की अन्तर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज

वाराणसी,28 नवम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के महामना हॉल में गुरूवार से महामना हॉल में हड़प्पा सभ्यता से जुड़े शोध और नर्मदा घाटी से मिले पाषाण कालीन अस्थियों पर मंथन किया गया। मौका रहा बायोक्लूज़ और एडनट संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का। हड़प्पा सभ्यता की खोज के 100 वर्ष पूरे कर चुके महत्वपूर्ण उपलब्धि को समर्पित सम्मेलन में बायोक्लूज के संस्थापक डॉ प्रशांत एन सुरवझाला और ऐडनेट के अध्यक्ष प्रो.सतीश कुमार ने अपनी-अपनी संस्थाओं की शोध के क्षेत्र में भूमिका को बताया।

प्रो सतीश ने बताया कि एडनट 30 वर्ष से भी ज्यादा समय से विज्ञान के क्षेत्र में डीएनए शोध कार्य कर रही है। सम्मेलन में फॉरेंसिक साइंस संस्थान, उत्तर प्रदेश के निदेशक सेवा निवृत आईपीएस डॉ जी. के. गोस्वामी ने अपने समय के उन यादों को साझा किया जब वे वाराणसी के एसपी सिटी रहे। 1998 के धमाकों में हुए तबाही,आतंकियों को मारने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि विज्ञान में नौकरी की संभावनाएं, कैसे कानून के कई कार्यों में विज्ञान का प्रयोग आज हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे शोध का कोई अर्थ नहीं जिसमें समाज को सीधा कोई लाभ नहीं, उन्होंने शोधार्थीयों को सलाह दिया कि विज्ञान के सही, सटीक एवं समाज में उपयोग वाला शोध निष्कर्ष दे।

सम्मेलन में निदेशक, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण प्रो. भल्लमूडी वी. शर्मा ने बताया कि हड़प्पा सभ्यता ने भारतीय नवजागरण में नवीन आयाम जोड़े है। उन्होंने बताया कि हड़प्पा एवं मोहेन्जोदारो की खोज और इन स्थलों में हुये मान्वशास्तृयों का क्या महत्व है। भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण ने प्राचीन मानवों और उनके मध्य आपसी संबंधों का अध्ययन करने में बड़ी भूमिका निभाई, जिसमें जीवाश्म अवशेषों, पुरातात्त्विक खोजों और अन्य साक्ष्यों ने भी अहम् भूमिका निभाई है।

उन्होंने नर्मदा घाटी से मिले पाषाण कालीन अस्थियों पर भी चर्चा की। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ विज्ञान संस्थान, संकाय प्रमुख प्रो. एस. एम. सिंह और विभागाध्यक्ष अरविंद आचार्य की उपस्थिति में हुआ। सम्मेलन में ई-ऐबस्ट्रैक्ट पुस्तिका का विमोचन किया गया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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