शिमला, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने आज प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध कर्मचारियों के संबंध में प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ एक बैठक आयोजित की। संघ ने इस विधेयक को अनुबंध कर्मचारियों के अधिकारों पर प्रहार और प्रदेश की लोकतांत्रिक एवं न्याय प्रणाली के खिलाफ बताया।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास का कहना है कि यह विधेयक लोक सेवा आयोग के चयनित अनुबंध कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने संबंधी न्यायालयीय फैसलों के विरुद्ध है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी न मानने वाले शब्दों ने उन सभी अनुबंध कर्मचारियों की भावना को ठेस पहुंचाई है जिन्होंने आयोग के कड़े मानदंडों को पूरा कर सरकारी नौकरी प्राप्त की है।
हपुटवा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जनता के चुने गए जनप्रतिनिधि ऐसे फैसले कैसे ले सकते हैं जो उन्हीं जनता के मूलभूत अधिकारों को प्रभावित करें। संघ ने सरकार से इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि ऐसे कर्मचारी-विरोधी कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
संघ ने सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि जहां एक ओर सरकारी कर्मचारी नववर्ष में महंगाई भत्ते की किस्त और नए वेतनमान के एरियर का इंतजार कर रहे थे, वहीं सरकार ने कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज कर यह विधेयक पेश कर दिया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला