लखनऊ, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में केश कला बोर्ड और स्वर्ण कला आयोग के गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
बैठक में सर्वप्रथम केश कला बोर्ड के गठन की मांग मनोज कटारिया ने की। उन्होंने प्रदेश के केश कला व्यवसाय से जुड़े लोगों के विकास और उनके कौशल को संरक्षित करने की आवश्यकता बताई गई। आयोग ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शासन को केश कला बोर्ड के गठन के लिए संस्तुति प्रेषित करने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, स्वर्णकार समाज की प्राचीन स्वर्ण एवं चांदी के आभूषण निर्माण कला के संरक्षण के लिए स्वर्ण कला आयोग के गठन का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे संजीव कुमार ने प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव को भी आयोग ने मंजूरी देते हुए शासन को संस्तुति भेजने का निर्णय लिया।
शासकीय निर्माण कार्यों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने पर भी बैठक में चर्चा हुई। बैठक में खंगार जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के संदर्भ में चर्चा हुई। क्रीमीलेयर की आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया।
नॉन-क्रीमीलेयर के प्रमाण-पत्र में संशोधन के संदर्भ में बैठक में निर्णय लिया गया कि इस विषय पर प्रस्ताव तैयार कर अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा करते हुए आयोग ने निर्णय लिया कि जिलों से पुनः जानकारी प्राप्त की जाएगी।
बैठक में थानाध्यक्षों की तैनाती में आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित करने के विषय पर भी चर्चा हुई। आयोग ने इसे पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानते हुए शासन को इस संबंध में सिफारिश भेजने का निर्णय लिया। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, अन्य सदस्यगण और सचिव मनोज कुमार सागर की उपस्थिति रही।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन