चित्तौड़गढ़, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । घर पर किसी अनजान को किसी भी कार्य के लिए बुलाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। ऐसा ही कुछ शहर के कुंभानगर इलाके में देखने को मिला। एक परिवार ने दीपावली को सफाई के लिए एक नाबालिग को बुलाया था। इसने घर की सफाई के बजाय तिजौरी को ही साफ कर दिया। मामला करीब पांच दिन बाद सामने आया। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने सदर पुलिस थाने पर रिपोर्ट दी है। इसके आधार पर पुलिस मामले की जांच की जुट गई है। नाबालिग पर चोरी का आरोप लगा है।
सदर थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शहर के कुंभानगर क्षेत्र में रहने वाले व्यवसाई विपिन लढ्ढा ने थाने में रिपोर्ट दी है। इसमें बताया कि उसके घर में दीपावली की सफाई का काम चल रहा था। उनकी माताजी ने गत 25 सितम्बर को दिन के समय साफ सफाई के लिए पड़ोस में काम करने वाली महिला संतोष कंवर को कहा। इस पर महिला ने उसके नाबालिग नाती को सफाई करने के लिए भेज दिया। यहां करीब डेढ़ घंटे तक सफाई करने के बाद खाना खाने की बात कह कर नाबालिग घर से चला गया। इसके बाद वह तीन-चार दिन तक काम पर नहीं आया। प्रार्थी विपिन की माता शकुंतला देवी ने काम वाली महिला संतोष कंवर को इस संबंध में कहा तो उसने कहा कि उससे पूछ कर बताऊंगी। इधर, शकुंतला देवी लढ्ढा ने जब मंदिर जाने के लिए अलमारी में रखे गहने निकालने चाहे तो देखा कि करीब डेढ़ सौ ग्राम सोने के गहने अलमारी से गायब है। इस पर उसने अपने पुत्र विपिन को यह जानकारी दी। विपिन ने अपने स्तर पर पूछताछ की तो उन्हें काम वाले लड़के पर शक हुआ। वे महिला के घर पर गए, जहां ताला लगा मिला तो शक और पुख्ता हो गया। लेकिन दूसरे दिन उन्होंने काम करती हुई महिला को पकड़ कर घर की तलाशी ली तो गहनों की खाली डिब्बी उसके घर पर मिली। इसके बाद में सदर थाना पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की तो चोरी का पूरा खुलासा हाे गया। इस मामले में पुलिस ने तीन नाबालिग लड़कों डिटेन किया है, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा है। वहीं उनकी निशानदेही पर प्रजापत मार्केट के पास स्थित सुनार से कुछ गहने भी बरामद किए है। इधर, महिला को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
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(Udaipur Kiran) / अखिल