– प्रशासनिक न्यायाधिपति पाठक की पहल से प्रेरित होकर अलापुर पहाड़ी पर भी विकसित हो रहा सिटी फोरेस्ट
ग्वालियर, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । ग्वालियर शहर की अलापुर पहाड़ी पर सिटी फॉरेस्ट परियोजना का कार्य अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक की पहल से प्रेरित होकर अलापुर पहाड़ी पर सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है। यहाँ पर बागवानी के लिए विशेष प्लांट बेड तैयार किए जा रहे हैं, जो शहर से निकलने वाले हरित कचरे के उपयोग से बनाए जा रहे हैं। यह पहल न केवल कचरा प्रबंधन को एक नई दिशा दे रही है, बल्कि शहर की हरियाली और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी योगदान दे रही है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने बुधवार को आलापुर पहाड़ी पर चल रहे सिटी फॉरेस्ट कार्य का निरीक्षण किया।
ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक द्वारा समय समय पर दिए गए विभिन्न न्यायिक आदेशों के माध्यम से सिरोल पहाड़ी पर वृहद स्तर पर सफल वृक्षारोपण हुआ है। इससे सिरोल पहाड़ी ने हरीतिमा की चादर ओढ़ ली है। प्रशासनिक न्यायाधिपति पाठक की यह पहल पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण बनी है। इसी से प्रेरित होकर आलापुर पहाड़ी पर भी सिटी फॉरेस्ट विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने निरीक्षण के दौरान कहा कि अलापुर पर नगर वन का विकास केवल ग्वालियर शहर के सौंदर्य में वृद्धि करेगा, बल्कि यह कचरे के उचित प्रबंधन के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में भी सहायक सिद्ध होगा। हमें शहर के हरित कचरे का पुन: उपयोग करने की दिशा में और अधिक कदम उठाने की जरूरत है ताकि हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकें।
अलापुर पहाड़ी पर सुव्यवस्थित ढंग से पौधरोपण करने के लिये लैंड स्कैपिंग की जा रही है। साथ ही पौधों को अच्छी खाद मिले, इसके लिये गौशालाओं से गोबर खाद, शहर से निकलने वाला हरा कचरा, मंदिरों से निकलने वाले फूल, आरा मशीनों से निकलने वाला लकड़ी का बुरादा इत्यादि की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कराई है। नगर निगम द्वारा पौध रोपण के लिए पानी की व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अलापुर पहाड़ी पर पाथ-वे के साथ वृक्षारोपण कराया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) तोमर