Madhya Pradesh

ग्वालियर: शारदीय नवरात्रि गुरुवार से, घर-घर विराजेंगी माता रानी

ग्वालियर, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्रि का पर्व तीन अक्टूबर गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। इस दिन घर और बाजारों में विधि विधान से पूजन कर माता रानी को विराजमान किया जाएगा। वहीं शहर के बाजार मां दुर्गा की प्रतिमाओं से सजकर तैयार हो गए हैं। गुरुवार को प्रतिमाओं की जबरदस्त बिक्री होगी। शहर के प्रमुख मंदिरों नहर वाली माता, मांडरे वाली माता, वैष्णो माता, काली माता, शीतला माता के मंदिर सजकर तैयार हो गए हैं। माता रानी की स्थापना के लिए शहरों में पंडाल भी लग चुके हैं।

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि इस बार माता का आगमन पालकी में होगा। इस बार की शारदीय नवरात्रि में वाहन, प्रॉपर्टी मकान, दुकान आदि खरीददारी के लिए विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग 05 अक्टूबर को प्रात: 06:17 से रात्रि 09:23 बजे तक, 07 अक्टूबर को प्रात: 07:06 बजे से रात्रि 02:25 बजे तक और 12 अक्टूबर विजया दशमी के दिन प्रात: 06:21 बजे से रात 04:27 बजे तक हैं। रवि योग 06 अक्टूबर को प्रात: 06:17 से रात 12:11 बजे तक, 08 अक्टूबर को प्रात: 06:18 से रात 04:08 बजे तक और 12 अक्टूबर को प्रात: 06:21 बजे से दिन रात तक रहेगा।

कैसे करें घटस्थापना: ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि 3 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से लेकर 7:02 बजे तक है। दूसरा मुहूर्त दिन में सुबह 11:46 से लेकर दोपहर 12:33 बजे तक है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि पर कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। इस दिन हम कलश स्थापित करके देवी मां दुर्गा को आमंत्रित करते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कलश स्थापना के लिए एक साफ और पवित्र स्थान का चुनाव करें और यह स्थान पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। कलश स्थापना के समय घड़े में चावल, गेहूं, जौ, मूंग, चना, सिक्के, कुछ पत्ते, गंगाजल, नारियल, कुमकुम, रोली डालें और उसके ऊपर नारियल रखें। घड़े के मुंह पर मौली बांधें और कुमकुम से तिलक लगाएं और घड़े को एक चौकी पर स्थापित करें। कलश को रोली और चावल से अष्टदल कमल बनाकर सजाएं। देवी मां के मंत्रों का जाप करें और कलश में जल चढ़ाएं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वास्तु के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन सही दिशा में कलश स्थापित करने से लोगों के घरों से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। कलश पवित्रता का प्रतीक है। यह हमें शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। कलश स्थापना से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।

(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा

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