ग्वालियर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में पिछले दिनों में हुई अतिवर्षा से प्रभावित हुई बस्तियों में पहुँचकर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने प्रभावित लोगों से भेंट की। साथ ही वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया कि वर्षा से हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है। शीघ्र ही प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से राहत राशि उपलब्ध कराई जायेगी। कुशवाह ने कहा केन्द्र व राज्य सरकार अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
सांसद कुशवाह ने शुक्रवार को ग्वालियर शहर के गोल पहाड़िया क्षेत्र एवं डबरा के नंद का डेरा, लक्ष्मी कॉलोनी, चीनौर रोड़, भितरवार रोड़ व जल भराव से प्रभावित अन्य बस्तियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वर्षा से हुए नुकसान की वस्तुस्थिति भी जानी। उन्होंने जल भराव से प्रभावित बस्तियों की सड़क, नाली व विद्युत पोलों को जल्द से जल्द ठीक कराने के लिए अधिकारियों से कहा।
भ्रमण के दौरान नगर निगम सभापति मनोज सिंह तोमर, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, क्षेत्रीय पार्षद भगवान सिंह कुशवाह तथा राजू पलैया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं एसडीएम नरेन्द्र बाबू सहित अन्य संबंधित अधिकारी उनके साथ थे।
एक हफ्ते तक संचालित रखें राहत शिविरः कलेक्टर
अतिवर्षा से प्रभावित लोगों के लिए स्थापित किए गए राहत शिविर अगले एक हफ्ते तक संचालित रखें। सभी शिविरों में खाद्यान्न, पेयजल, रोशनी व दवाइयों की पुख्ता व्यवस्था रहे। ऐसे लोग जिनके घर कच्चे और कमजोर हैं उन्हें समझाएँ कि अभी कुछ दिन राहत शिविरों में ही रहें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के सभी एसडीएम एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन परिवारों के घरों में बरसात का पानी भरने से घर को नुकसान पहुँचा है और वे राहत शिविरों अथवा अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। ऐसे सभी परिवारों को शासन के प्रावधानों के तहत 40 किलोग्राम गेहूँ व 10 किलोग्राम चावल के मान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने अतिवर्षा से प्रभावित लोगों को शासन की ओर से राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके पुनर्वास में स्थानीय व्यापारिक संगठनों व सुविधा सम्पन्न सेवाभावी नागरिकों का सहयोग लेने के लिये भी कहा।
वर्षा जनित बीमारियों से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाएं
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि बरसात बंद होने व जल भराव वाले क्षेत्रों से पानी उतरने के बाद वर्षा जनित बीमारियों की संभावना विशेष रूप से बढ़ जाती है। इसलिए वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में अभियान बतौर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएँ वितरित करें। मैदानी स्तर पर दवाओं का पर्याप्त भण्डारण कराएँ और विभाग के अमले को गंभीरता के साथ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये निर्देशित करें। राहत शिविरों में रह रहे सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
जल स्त्रोतों के क्लोरीनीकरण का काम युद्ध स्तर पर करें
कलेक्टर ने अतिवर्षा से प्रभावित क्षेत्रों के शुद्धिकरण पर विशेष बल दिया। उन्होंने पीएचई के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि नल-जल योजनाओं की टंकियों व हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोतों के क्लोरीनीकरण के लिए विभागीय उपयंत्रियों व टेक्नीशियन की ड्यूटी क्षेत्र बाँटकर लगाएँ। साथ ही इस कार्य की सतत मॉनीटरिंग की जाए।
सड़क, बिजली के पोल व तारों की मरम्मत का काम तेजी से कराएँ
कलेक्टर रुचिका चौहान ने अतिवर्षा और जल भराव की वजह से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों की मरम्मत का काम व बिजली पोल व तारों को दुरुस्त करने का काम अभियान बतौर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण से कहा कि जो सड़कें धंस गईं हैं और उनकी तत्काल मरम्मत संभव नहीं है वहाँ अवरोध लगाएँ। साथ ही लोगों को सचेत करने के लिये श्रृंखलाबद्ध शाइन बोर्ड लगाकर यह प्रदर्शित कराएँ कि सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से बंद है, जिससे दुर्घटना की संभावना न रहे।
क्षतिग्रस्त नहरों व जलाशयों को भी युद्ध स्तर पर दुरुस्त कराने पर जोर
अतिवृष्टि की वजह से क्षतिग्रस्त हुईं नहरों और जलाशयों को युद्ध स्तर पर ठीक कराने के निर्देश कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस काम पर संबंधित एसडीएम भी नजर रखें।
शहर की बस्तियों में जल निकासी के अवरोध हटाएं
कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले दिनों हुई बरसात के दौरान शहर की जिन बस्तियों में विभिन्न अवरोधों के कारण जल भराव की स्थिति निर्मित हुई है वहाँ विशेष ध्यान दें। ऐसी सभी बस्तियों में जल अवरोधों को मशीनों से हटवाएं, जिससे पानी की निकासी होती रहे। इस काम में ढ़िलाई न हो।
अतिवर्षा से हुए नुकसान के सर्वे का काम लगभग पूर्ण
जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश से हुए नुकसान के सर्वे का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक बार फिर से परीक्षण कर सर्वे सूची को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह काम तत्परता से पूर्ण करें, जिससे प्रभावित लोगों के खाते में राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत राशि पहुँचाई जा सके।
कलेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे के अनुसार अतिवर्षा व जल भराव के कारण जिले में 4 लोगों की मृत्यु हुई है। इन सभी के परिजनों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के पालन में 4 – 4 लाख रुपये की राहत राशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सर्वे के अनुसार जिले में भैंस व गाय जैसे 75 बड़े पशुओं और बछड़ा, बकरी व पड़ा इत्यादि कुल मिलाकर 113 छोटे पशुओं की मृत्यु भी हुई है। इन पशुओं के मालिकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत राशि उपलब्ध कराई जायेगी।
कलेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अति वर्षा से जिले में पक्के 16 मकान पूर्णत: व 204 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 189 कच्चे मकानों को पूर्ण और 835 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुँचा है। इसी तरह 952 झोंपड़ियों को पूर्ण व 74 झोंपड़ियों को आंशिक नुकसान पहुँचा है। घरेलू सामान को हुई क्षति का सही-सही आंकलन पूर्णत: पानी उतरने के बाद संभव हो सकेगा।
वर्तमान में 24 राहत शिविर संचालित
जिले के अतिवर्षा व जल भराव वाले क्षेत्रों में वर्तमान में 24 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में लगभग 589 लोगों को आश्रय दिया गया है। शिविरों में पर्याप्त संख्या में खाद्यान्न व दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। बरसात बंद होने एवं पानी उतरने की वजह से शिविरों से लोगों ने घरों को लौटना भी शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है कि वे अभी अपने घर जाने की जल्दी न करें।
जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन पूर्ण
पिछले दिनों हुई भारी वर्षा की वजह से पानी के बीच फँसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित रूप से निकालने का काम पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही रेस्क्यू का काम पूर्ण हो चुका है। बचाव कार्य में जिला प्रशासन, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, खाद्य, बिजली एवं अन्य विभागों की संयुक्त टीमों के साथ-साथ थल सेना व एसडीआरएफ का भी विशेष सहयोग रहा है।
(Udaipur Kiran) तोमर