ग्वालियर, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जून से सितम्बर तक चार महीने कभी रिममिझम तो कभी झमाझम बरसने के बाद अक्टूबर के दूसरे दिन दक्षिण-पश्चिम मानसून अब एक साल की छुट्टी पर चला गया। यानी ग्वालियर-चंबल संभाग से मानसून वापस लौट चुका है। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल ने बुधवार को ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर जिलों से मानसून वापसी की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
ग्वालियर में सितम्बर के अंतिम दिन से ही मौसम शुष्क है। साथ ही हवा में नमी लगातार कम हो रही है जबकि तापमान लगातार बढ़ रहा है। गुजरे तीन दिन में अधिकतम तापमान में 7.0 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है। जिससे गर्मी का असर बढऩे लगा है। बुधवार को अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 1.1 और पिछले दिन से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान पिछले दिन की तुलना में 1.6 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 3.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यानी अभी दिन के साथ रात में भी गर्मी से राहत नहीं है। आज सुबह हवा में नमी 71 प्रतिशत दर्ज की गई जो सामान्य से 03 प्रतिशत अधिक है जबकि शाम को हवा में नमी 66 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक है।
अब बादल बरसे तो पोस्ट मानसून बारिश मानी जाएगी: मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से चार अक्टूबर को उत्तरी बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में इस मौसम प्रणाली का आंशिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि बारिश होगी या नहीं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह मौसम प्रणाली कितनी मजबूत स्थिति में बनती है। यदि मौसम प्रणाली मजबूत बनी तो चार से पांच अक्टूबर के आसपास ग्वालियर-चंबल संभाग में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। यदि बारिश होती है तो यह पोस्ट मानसून बारिश मानी जाएगी।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा