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ग्वालियर, 08 फरवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) की ग्वालियर खंडपीठ ने डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) कैलाश मकवाना के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। नियुक्ति विवाद से जुड़े मामले में छह फरवरी को डीजीपी को अनिवार्य रूप से तलब किया था, लेकिन वे हाई कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। उनकी गैर-मौजूदगी के चलते हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उनके नाम पांच हजार रुपये का जमानती वारंट जारी कर दिया है। शनिवार को कोर्ट ने यह वारंट सार्वजनिक किया है।
जानकारी के मुताबिक, पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया ने वर्ष 2012 में हाई कोर्ट में सब-इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 जून 2014 को आदेश दिया कि एसएएफ में प्लाटून कमांडर पद पर नियुक्ति की तिथि से ही उन्हें सब-इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त किया जाए। साथ ही, इस आदेश का पालन 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने आदेश का पालन नहीं किया। इस वजह से 2015 में अवमानना याचिका दायर की गई, जो तब से लंबित है। आदेश का पालन न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और 20 जनवरी को निर्देश दिया कि मध्य प्रदेश के डीजीपी 6 फरवरी को अदालत में पेश हों। बावजूद इसके डीजीपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिसके चलते उनके खिलाफ पांच हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया गया।
इस मामले में मध्य प्रदेश के डीजीपी को 27 फरवरी को अदालत में पेश होना अनिवार्य होगा। यदि वे निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो कोर्ट और सख्त रुख अपना सकता है। संभावना है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने वाली सुनवाई के दौरान डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कैलाश मकवाना अदालत में उपस्थित हो सकते हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर
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