
– जिला स्तरीय वनाधिकार समितियों की दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न, विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनर्स ने बताए जनजातियों के वनाधिकार व अधिनियम के प्रावधान
ग्वालियर, 28 मई (Udaipur Kiran) । परंपरागत रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी वन क्षेत्र में रहते आ रहे अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य समुदायों के लोगों के हित में सरकार द्वारा बनाए गए वनाधिकार अधिनियम एवं नियमों पर दो दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों की जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों के सदस्यों ने भाग लिया। यहाँ बाल भवन स्थित सभागार में आयोजित हुई कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को ग्वालियर व चंबल संभाग के जिला कलेक्टर, वन मण्डलाधिकारी, जिला व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनजाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त व जिला संयोजकों को वनाधिकार अधिनियम एवं उसके क्रियान्वयन के संबंध में उपयोगी जानकारी दी गई।
प्रभारी संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों से कहा कि कार्यशाला में वन अधिकार अधिनियम के बारे में उपयोगी जानकारी दी गई है। सभी अधिकारी अपने-अपने जिले में सरकार की मंशा के अनुरूप वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन कर अनुसूचित जनजाति के पात्र परिवारों को लाभान्वित कराएं। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिलों में वन अधिकार अधिनियम के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक करें।
प्रशिक्षण सत्र में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा वन अधिकार अधिनियम की तकनीकी जानकारी व बारीकियों से अवगत कराया गया। प्रशिक्षकों द्वारा वन क्षेत्र में पारंपरिक रूप से रहने वाले लोगों के व्यक्तिगत वन अधिकार, सामुदायिक अधिकार, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार, पर्यावास का अधिकार एवं विकास के अधिकार के बारे में बताया गया। साथ ही कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान भी किया।
कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक एपीएस सेंगर, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान सहित गुना, शिवपुरी, दतिया व मुरैना जिले के कलेक्टर, विभिन्न जिलों के वन मण्डलाधिकारी एवं जिला व जनपद पंचायतों के सीईओ, संयुक्त आयुक्त जनजाति कार्य विभाग केके पबिया, मास्टर ट्रेनर प्रखर जैन, कमल किशोर, संदीप एवं केशव गुरमुले व सहायक आयुक्त जनजाति कल्याण ग्वालियर राकेश गुप्ता मौजूद रहे।
संयुक्त आयुक्त केके पबिया ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा एफआरए एटलस तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वन अधिकार अधिनियम से पात्र परिवारों को लाभान्वित कराने से संबंधित अगले दो साल की कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) तोमर
