Haryana

गुरुग्राम: महिलाओं को ऑटो में मिलेगा 100 बार इस्तेमाल किया जाने वाला सैनेटरी नैपकिन

फोटो नंबर-05: गुरुग्राम के मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन पर ऑटो में 100 बार इस्तेमाल होने वाले सैनेटरी नैपकिन की किट लगाते रिअर्थ एनजीओ के सदस्य।

-रीवा कंपनी द्वारा बनाए इस नैपकिन की किट ऑटो में लगाई गई

-रिअर्थ लाइफ एनजीओ द्वारा दो साल से ऑटो में उपलब्ध कराए जा रहे हैं नैपकिन

गुरुग्राम, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । आमतौर पर महिलाओं के लिए एक सैनेटरी नेपकिन एक बार इस्तेमाल मेंं आता है और फिर कचरे में फेंक दिया जाता है। अब एक ऐसा नेपकिन आ गया है, जो एक नहीं बल्कि 100 बार यूज होगा। यानी बार-बार यूज होगा मगर खराब नहीं होगा। इसका सबसे अधिक फायदा यह होगा कि हमारे आसपास ज्यादा कचरा नहीं फैलेगा।

महिलाओं में इस नैपकिन को ऑटो रिक्शा के माध्यम से पहुंचाने की रविवार से शुरुआत हुई। इस अवसर पर हरियाणा ऑटो यूनियन के अध्यक्ष योगेश शर्मा, रिअर्थ लाइफ एनजीओ से सतेंद्र यादव, सिद्धार्थ भाटिया, सुप्रिया देवबर्मन, गौतम सैनी, सुनील, ऋतुराज समेत अनेक सदस्य मौजूद रहे। रिअर्थ लाइफ एनजीओ ने रीवा कंपनी और ऑटो यूनियन के साथ मिलकर शहर में कचरा कम करने की यह बेहद खास पहल की है। रिअर्थ लाइफ ने पिछले 2 साल से शहर के ऑटो में महिलाओं के लिए मुफ्त सैनेटरी पैड की सुविधा दे रही है। नैपकिन के रूप में एक नया प्रोडक्ट रीवा कंपनी लेकर आई है। जिसका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। रिअर्थ लाइफ एनजीओ ने दोबारा इस्तेमाल करने वाले सैनेटरी पैड बनाने वाली कंपनी रीवा के साथ जुडक़र महिलाओं के लिए यह खास पहल की। इसमें शहर की ऑटो यूनियन का भी विशेष योगदान है।

गुरुग्राम में जगह-जगह पर गंदगी के ढेरों को देखते हुए रिअर्थ लाइफ संस्था ने इस बात का अंदाजा लगाया कि इस गंदगी में काफी मात्रा सैनेटरी पैड्स की भी होगी। इसके लिए रीयूज होने वाले सैनेटरी पैड्स बनाने वाली रीवा कंपनी से संपर्क किया गया। कंपनी की ओर से नॉर्मल सैनेटरी पैड्स की जगह बार-बार इस्तेमाल होने वाले पैड्स एनजीओ को उपलब्ध कराए। फिर उनकी एक किट तैयार करके मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन हर ऑटो में लगाने का काम रिअर्थ लाइफ संस्था के सदस्यों ने किया। इसका फायदा यह होगा कि अब सैनेटरी पैड्स से गंदगी कम होगी।

रीवा कंपनी के मालिक महिपाल की ओर से अधिकारिक रूप से यह जानकारी दी गई कि उनकी कंपनी में बना यह सैनेटरी पैड एक नहीं बल्कि 100 बार यूज किया जा सकता है। इसे फेंकने की जरूरत नहीं है। इससे शहर में कचरे को रीड्यूज और रीयूज कर सकते हैं। एक आंकलन के अनुसार उन्होंने बताया कि एक महिला भी एक पैड का इस्तेमाल करती है तो शहर में 99 सैनेटरी पैड का कचर कम उत्पन्न होगा।

(Udaipur Kiran) हरियाणा / SANJEEV SHARMA

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