-पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा को बेहतर करने के उद्देश्य से सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने की बैठक
-वाहनों के मैन्युअल टेस्टिंग स्टेशनों को ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन (एटीएस) की ओर शिफ्ट करने पर भी हुई व्यापक चर्चा
गुरुग्राम, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । पर्यावरण को अनुकूल, सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने के लिए कैसे एक बेहतर तंत्र स्थापित किया जाए। वाहन स्क्रैपिंग के अनौपचारिक व्यापार को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के अंतर्गत लाकर इसे एक लाभकारी व्यावसायिक इकाई के रूप में कैसे संचालित किया जाए। इसे लेकर भारत सरकार में सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी.उमाशंकर ने गुरुग्राम में आरवीएसएफ संचालकों के साथ बैठक की।
सिविल लाइन्स स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में वाहनों के मैन्युअल टेस्टिंग स्टेशनों को ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन (एटीएस) की ओर शिफ्ट करने के में मौजूदा एटीएस संचालकों संग भी वैचारिक मंथन किया गया। बैठक में सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद, हरियाणा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (ट्रांसपोर्ट) नवदीप सिंह विर्क, एडिश्नल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मनीता मलिक भी मौजूद रहे। सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि जब भारत वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के सपने की तरफ आगे बढ़ रहा है तो यहां के मोबिलिटी से जुड़े सभी सेक्टर को भी इसी मिशन में जुटना होगा।
अनफिट वाहनों से होने वाला प्रदूषण देश के विकास की राह में एक बड़ी बाधा है। ऐसे में यह जरूरी है कि आमजन में भी इसको लेकर व्यापक जागरुकता आए। वहीं रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी यह एक प्रमुख स्टार्टअप सेक्टर बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि इस इकोसिस्टम को आगे बढ़ाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। वी.उमाशंकर ने इस दौरान आरवीएसएफ को एक ऑर्गनाइज बिजनेस की तरह चलाने में मौजूदा संचालकों दिक्कतों व निवारण को लेकर आरवीएसएफ संचालकों से सुझाव भी मांगे। सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (ईएलवी) के ओनर व आरवीएसएफ के बीच संचार का मजबूत तंत्र स्थापित करने के लिए और अधिक बेहतर प्रयास करने होंगे।
हर जिला में ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन स्थापित करने पर हो रहा काम
बैठक में हरियाणा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (ट्रांसपोर्ट) नवदीप सिंह विर्क ने हरियाणा में एटीएस संचालन की योजना की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि हरियाणा सरकार सार्वजनिक भागीदारी से राज्य के प्रत्येक जिले में ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जिसमें मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) तकनीकी सलाहकार है। इसमें एक एमओयू ड्राफ्ट अंडर प्रोसेस है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में गुजरात जैसे अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन भी किया जा रहा है। हरियाणा प्रदेश में विभिन्न जिलों में अभी 15 आरवीएसएफ सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। पॅलिसी के तहत 28 अक्टूबर 2024 तक 11 हजार से अधिक पुराने वाहन को स्क्रैप किया गया है, जिसमें 307 सरकारी वाहन भी शामिल है।
(Udaipur Kiran) हरियाणा