Haryana

गुरुग्राम: 26 साल की उम्र में गृह राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड राव नरबीर सिंह के नाम

फोटो नंबर-01: कैबिनेट मंत्री की शपथ लेते बादशाहपुर से विधायक राव नरबीर सिंह।

-वर्ष 1987 में पहली बार ही लड़े चुनाव में जीतकर गृह राज्य मंत्री बने थे राव नरबीर

-राव नरबीर सिंह को विरासत में मिली है राजनीति

-दादा मोहर सिंह 1942 में भारत-पाक विभाजन से पहले पंजाब राज्य में एमएलसी थे

-पिता महावीर सिंह यादव हरियाणा में कैबिनेट मंत्री थे

गुरुग्राम, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार किसी विधानसभा से दोबारा चुनाव लडक़र हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने विधायक राव नरबीर सिंह के नाम सबसे कम उम्र में गृह राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड है। वर्ष 1987 में उन्होंने रेवाड़ी जिला की जाटूसाना सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और जीता था। इस दौरान वे मात्र 26 साल की उम्र में गृह राज्य मंत्री बने थे।

राव नरबीर सिंह का राजनीतिक सफर सरपंच बनने से शुरू हुआ था। वर्ष 1983 में वे गैरतपुर बास गांव के सरपंच बने थे। इसके चार साल बाद वर्ष 1987 में वे रेवाड़ी जिला की जाटूसाना विधानसभा से पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। 2 अप्रैल 1961 को गुडग़ांव में जन्में राव नरबीर सिंह की पृष्ठभूमि राजनीतिक है। उनके दादा राव मोहर सिंह यादव वर्ष 1942 में पंजाब राज्य में एमएलसी थे। उनके पिता राव महावीर सिंह यादव हरियाणा में कैबिनेट मंत्री थे। राव नरबीर सिंह के राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने वर्ष 1987 में रेवाड़ी जिला की जाटूसाना विधानसभा सीट से पहला विधानसभा का चुनाव लड़ा था। अपने पहले चुनाव में ही ना केवल जीत दर्ज की, बल्कि गृह राज्य मंत्री भी बन गए। वर्ष 1996 में 9वीं विधानसभा के लिए उन्होंने चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर गुडग़ांव जिला की सोहना विधानसभा से चुनाव लड़ा। यहां से उन्होंने जीत दर्ज की। इस बार वे जीत दर्ज करके हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति और सहकारिता मंत्री बनें। वर्ष 1996 में खेल, मुद्रण और स्टेशनरी विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार राव नरबीर सिंह के पास रहा।

राव नरबीर सिंह ने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जीत दर्ज की। उन्हें सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काट दी। टिकट कटने का विरोध जरूर किया, लेकिन कुछ समय बाद वे शांत हो गए। जिस नेता को राव नरबीर सिंह की टिकट काटकर दी गई थी, वह भी भाजपा को यह सीट जिता नहीं पाया। अब 2024 में राव नरबीर सिंह ने बादशाहपुर से ही भाजपा की टिकट पर चुनाव लडक़र हारी हुई सीट पर भाजपा को जीत दिलाई है।

राव नरबीर सिंह अब चौथी बार बने हैं मंत्री

बादशाहपुर से विधायक चुने गए राव नरबीर सिंह अब चौथी बार विधायक बने हैं। उन्होंने 60 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। राव नरबीर सिंह किस्मत के भी धनी हैं। वे जब भी विधायक चुने गए हैं, तभी वे मंत्री बने हैं। गुरुवार को उन्होंने चौथी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंत्री की शपथ ली है। वर्ष 1991 में उन्होंने साल्हावास से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। 8वीं विधानसभा के इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली। वर्ष 2000 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर गुडग़ांव से, 2005 में गुडग़ांव विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर जाटूसाना से चुनाव लड़ा और हार गए। वर्ष 2009 में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) पार्टी से लोकसभा का चुनाव हारे। वर्ष 1987 से लेकर 2024 तक वे 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं। 8 बार के चुनाव में से वे 4 बार चुनाव जीते हैं और 4 बार हारे हैं।

इन पदों पर भी रहे हैं राव नरबीर सिंह

वर्ष 1982 में केंद्रीय सहकारी बैंक गुडग़ांव के निदेशक बने

वर्ष 1983 में गांव गैरतपुर बास के सरपंच बने

वर्ष 1984 में मार्केट कमेटी सोहना के अध्यक्ष बने

(Udaipur Kiran) हरियाणा

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