Haryana

गुरुग्राम: एक पीठासीन अधिकारी पर दो श्रम न्यायालयों का है कार्यभार

-दो अदालतों पर कार्य भार होने से श्रमिकों को न्याय मिलने में हो रही देरी

-श्रम न्यायालय-1 में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए एटक ने लिखा पत्र

-न्यायालय-2 के न्यायाधीश पर है दोनों अदालतों का कार्यभार

गुरुग्राम, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । यहां श्रमिक अदालत में एक पीठासीन अधिकारी पर दो अदालतों का कार्यभार होने से श्रमिकों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। श्रमिक मामले काफी लंबित होते जा रहे हैं। श्रमिक संगठन एटक के प्रदेश महासचिव अनिल पंवार ने प्रदेश के श्रमायुक्त को पत्र लिखकर गुरुग्राम के श्रम न्यायालय-1 में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की मांग की है।

श्रम न्यायालय-1 में पिछले काफी समय से पीठासीन अधिकारी का पद खाली पड़ा है, जिससे श्रमिकों के लंबित पड़े मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। अनिल पंवार ने पत्र में कहा गया है कि श्रम न्यायालय-2 के पीठासीन अधिकारी को ही न्यायालय-1 का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। जबकि इस न्यायालय में भी लंबित पड़े मामलों की संख्या काफी अधिक है, ऐसे में दूसरे न्यायालय के मामलों का नंबर ही नहीं आ पाता, जिससे पीडि़त श्रमिकों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि गुरुग्राम एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है और हजारों की संख्या में प्रतिष्ठान भी स्थित हैं, जिनमें लाखों की संख्या में श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इन श्रमिकों के वेतन, बर्खास्तगी व अन्य रोजगार से जुड़े मुद्दों के विवाद श्रम न्यायालय में विचाराधीन हैं। पीठासीन अधिकारी की पूर्णकालिक नियुक्ति ना होने के कारण ये सभी मामले लंबित पड़े हैं। समय रहते श्रमायुक्त को पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न्यायालय में कर देनी चाहिए, ताकि पीडि़त श्रमिकों को समय पर न्याय मिल सके। इस पत्र की प्रतियां प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, मुख्य सचिव व एटक की राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अमरजीत कौर को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी गई है।

(Udaipur Kiran) हरियाणा

Most Popular

To Top