-निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने की इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों के साथ बैठक में दिखाए तेवर
गुरुग्राम, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सभी अधिकारी आमजन के फोन जरूर उठाएं। इसके अलावा, विभिन्न वाट्सएप ग्रुप में आने वाली शिकायतों को तुरंत ही नोट करें। उसका समाधान करके जानकारी ग्रुप में सांझा जरूर करें। अब से अगर किसी भी अधिकारी की फोन नहीं उठाने संबंधी शिकायत आती है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वे रविवार को अपने कार्यालय में इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कार्य में कोताही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा बार-बार एक ही शिकायत आने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। पहली बार शिकायत मिलने पर चेतावनी दी जाएगी, जबकि दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसी प्रकार अगर शिकायत तीसरी बार आती है, तो नियम-8 के तहत तथा चौथी बार शिकायत मिलने पर नियम-7 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि बार-बार शिकायत जिस भी अधिकारी की आएगी तो उसे सेवामुक्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारी क्षेत्र में सीवर ओवरफ्लो व ब्लॉकेज संबंधी शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए उसका त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सबसे पहले नागरिकों को अंतरिम राहत उपलब्ध कराएं तथा स्थाई समाधान की दिशा में कार्य शुरू कराएं। बैठक में संयुक्त आयुक्त जयवीर यादव, चीफ इंजीनियर मनोज यादव सहित सभी कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता शामिल थे।
निगमायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक कार्य दिवस आयोजित होने वाले समाधान शिविरों में 90 प्रतिशत शिकायतें सीवरेज से संबंधित आ रही हैं। उन्होंने इस प्रकार की स्थिति पहली बार देखी है कि शहर में अधिकतर शिकायत सीवर जाम या ओवरफ्लो से संबंधित आ रही हैं। कार्यकारी अभियंता हर सप्ताह करें बैठक
निगमायुक्त ने सभी कार्यकारी अभियंताओं से कहा कि वे अपने डिवीजन से संबंधित सहायक अभियंताओं व कनिष्ठ अभियंताओं के साथ सप्ताह में कम से कम एक बार बैठक जरूर करें तथा बैठक में चीफ इंजीनियर को भी बुलाएं। इस दौरान कार्य निष्पादन में आने वाली परेशानियों पर चर्चा करें तथा उन्हें दूर कराएं। इन बैठकों की प्रोसिडिंग भी जारी की जानी अनिवार्य है। इसके अलावा, इंजीनियरिंग विंग में लगे सुपरवाईजरों को भी जवाबदेह बनाने के निर्देश दिए गए। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि टेंडर में एजेंसी की परफॉर्मेंस को भी आधार बनाया जाए और जिस एजेंसी पर पूर्व में 20 प्रतिशत से अधिक पेनल्टी लगी हो, वह टेंडर प्रक्रिया में भाग ना ले सके।
(Udaipur Kiran) हरियाणा