Haryana

गुरुग्राम: वैश्विक भू-चुनौतियों से निपटने को अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में भारत की स्वामित्व योजना पर मंथन

गुरुग्राम के हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) के सहयोग से भू प्रशासन पर छह दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में मौजूद प्रतिनिधि।

-गुरुग्राम में 6 दिवसीय भू प्रशासन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला शुरू

गुरुग्राम, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । पंचायती राज मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर अपने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम और हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (एचआईपीए) के सहयोग से भू प्रशासन पर छह दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का सोमवार को शुभारंभ किया गया।

हिपा परिसर में 24 मार्च से 29 मार्च तक चलने वाली इस कार्यशाला में 22 देशों के 44 कार्यकारी अधिकारियों के साथ-साथ भारत सरकार और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भागीदारी करेंगे।

कार्यशाला के पहले दिन के शुभारम्भ सत्र को भारत सरकार में पंचायती राज मंत्रालय अतिरिक्त सचिव सुशील कुमार लोहानी, अतिरिक्त सचिव विदेश मंत्रालय भारत सरकार विराज सिंह, गुरुग्राम के मंडल आयुक्त एवं हिपा के महानिदेशक आर.सी. बिधान, संयुक्त सचिव भारत सरकार आलोक प्रेम नागर, भारत के महासर्वेक्षक हितेश मकवाना, अध्यक्ष ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया स्मित शाह, एचआईपीए की अतिरिक्त निदेशक डॉ. नीरजा मलिक, सहायक निदेशक रेखा दहिया शामिल हैं। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक स्वागत और विशिष्ट अतिथियों को पौधे भेंट करने के साथ हुई, जो विकास और स्थिरता का प्रतीक हैं।

यह कार्यशाला अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया के 22 देशों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगी, ताकि वैश्विक स्तर पर भू प्रशासन चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचारपूर्ण दृष्टिकोणों की खोज की जा सके।

छह दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला भारत की अग्रणी स्वामित्व योजना का प्रदर्शन करेगी, जिसने संपत्ति के मालिकों को कानूनी स्वामित्व दस्तावेज प्रदान करने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण बसे हुए क्षेत्रों का सफलतापूर्वक मानचित्रण किया है।

कार्यशाला में 22 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे

कार्यशाला में 22 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया। इसमें तुर्कमेनिस्तान, कोलंबिया, जिम्बाब्वे, फिजी, माली, लेसोथो, सिएरा लियोन, वेनेजुएला, मंगोलिया, तंजानिया, उज्बेकिस्तान, इक्वेटोरियल गिनी, किरिबाती, साओ टोमे और प्रिंसिपे, लाइबेरिया, घाना, आर्मेनिया, होंडुरास, इस्वातिनी, कंबोडिया, टोगो और पापुआ न्यू गिनी-के 44 वरिष्ठ अधिकारी भू प्रशासन पर सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में भू प्रशासन और सतत विकास में प्रगति पर चर्चा की गई और ड्रोन-आधारित भू सर्वेक्षण तकनीकों, हाई-रिजॉल्यूशन मैपिंग और भू-स्थानिक तकनीकों पर सत्र हुए, जो भू प्रशासन में बदलाव ला सकते हैं। तकनीकी सत्रों में ड्रोन सर्वेक्षण विधियों, डेटा प्रोसेसिंग तकनीकों, ग्राउंड सत्यापन प्रक्रियाओं और जीआईएस एकीकरण का व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। भारत सर्वेक्षण विशेषज्ञों द्वारा एक पास के गांव में उड़ान योजना और ड्रोन सर्वेक्षण के क्षेत्रीय प्रदर्शन किए जाएंगे, ताकि प्रतिभागियों को इस तकनीक का व्यावहारिक अनुभव मिल सके। अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में भू प्रशासन की आधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्रीय दौरे और प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।

(Udaipur Kiran)

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