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गुरुग्राम: ऑटोमोटिव सेक्टर का देश की जीडीपी में 7 प्रतिशत योगदान: डा. हनीफ कुरैशी

फोटो नंबर-01: गुरुग्राम में इंडियन कॉमर्शियल व्हीकल कॉन्क्लेव (आईसीवीसी) के तीसरे संस्करण में मुख्य अतिथि भारी उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी को स्मृति चिन्ह देते आयोजक।

-इंडियन कॉमर्शियल व्हीकल कॉन्क्लेव (आईसीवीसी) के कार्यक्रम में कही यह बात

गुरुग्राम, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी ने कहा कि ऑटोमोटिव सेक्टर के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। देश की जीडीपी में इसका 7 प्रतिशत योगदान है। इसमें बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होते हैं। भारत सरकार इस तथ्य को समझती है। इसीलिए वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले पावरट्रेन की ओर कदम बढ़ाने और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन के महत्व को बढ़ावा दे रही है। यह बात उन्होंने इंडियन कॉमर्शियल व्हीकल कॉन्क्लेव (आईसीवीसी) के तीसरे संस्करण में कही।

गुरुग्राम में गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पावरट्रेन की ओर कदम बढ़ाने और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई जैसी स्कीम चलाई जा रही हैं, जो न केवल ऑटोमोटिव ओईएम के लिए बल्कि कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग की पूरी वैल्यू चेन के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने इंडियन कॉमर्शियल व्हीकल कॉन्क्लेव जैसे मंच तैयार करने के लिए सीआईआई की सराहना की। ऐसे प्लेटफॉर्म से उद्योग एवं सरकार के बीच विचारों के आदान-प्रदान के अवसर बनते हैं।

इस अवसर पर सीआईआई आईसीवीसी के चेयरमैन एवं टाटा मोटर्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा कि भारत का सीवी उद्योग एक बदलावकारी मोड़ पर है। जिसे सरकार की महत्वाकांक्षी नीतियों, तेजी से हो रहे शहरीकरण और आर्थिक विकास से गति मिल रही है। वाघ ने कई महत्वपूर्ण आंकड़े सामने रखे और भारत में सीवी उद्योग के मौजूदा परिवर्तनकारी चरण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2031 तक भारत की शहरी आबादी 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जिससे कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स और सार्वजनिक परिवहन जैसे सेक्टर में सीवी की मांग बढ़ेगी।

इस मौके पर सीआईआई हरियाणा के वाइस चेयरमैन और विकास ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अभिमन्यु शराफ ने वर्ष 2047 में विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में समावेशी एवं पर्यावरण के अनुकूल विकास के महत्व को भी सामने रखा।

जेबीएम ग्रुप के वाइस चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत आर्या ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने और पर्यावरण में आ रही गिरावट का समाधान करने की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन के कारण प्रत्यक्ष रूप से होने वाले कुल कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में करीब 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी परिवहन सेक्टर की है। इसलिए टेक्नोलॉजी के प्रयोग और वैकल्पिक एवं हरित ईंधन को अपनाते हुए इस चुनौती का समाधान खोजना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। सीआईआई फरीदाबाद के चेयरमैन और सुपर स्क्रूज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सम्राट कपूर ने तकनीकी उन्नति, नियामकीय रूपरेखा और बाजार के डायनामिक्स पर जोर देते हुए विकसित भारत के सफर को रेखांकित किया।

(Udaipur Kiran) हरियाणा / SANJEEV SHARMA

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