Jammu & Kashmir

गुरु रविदास ने न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की कल्पना की थी-बलबीर

जम्मू, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महासचिव, ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन के भारतीय शाखा सचिव और बेगमपुरा विश्व महासभा के सदस्य बलबीर राम रतन ने कहा कि महान भारतीय संत और समाज सुधारक गुरु रविदास ने भेदभाव, पीड़ा और अन्याय से मुक्त एक आदर्श समाज की कल्पना की थी।

बेगमपुरा की उनकी अवधारणा – दुखों से मुक्त एक शहर – जातिविहीन, वर्गविहीन और शोषण-मुक्त दुनिया का एक क्रांतिकारी विचार था। समानता, सम्मान और सामाजिक सद्भाव पर जोर देते हुए उनके विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि गुरु रविदास का दृष्टिकोण सिर्फ़ एक आदर्शवादी सपना नहीं था बल्कि अपने समय के कठोर जाति-आधारित भेदभाव के ख़िलाफ़ एक शक्तिशाली सामाजिक संदेश था। बेगमपुरा का उनका सपना एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण की अपील थी।

बलबीर राम रतन ने कहा कि गुरु रविदास ने अपना पूरा जीवन जाति व्यवस्था को चुनौती देने और सामाजिक न्याय की वकालत करने में समर्पित कर दिया। समानता का उनका संदेश क्रांतिकारी था और मानवीय गरिमा में गहराई से निहित था। उन्होंने छुआछूत और भेदभाव को खारिज़ किया और उपदेश दिया कि भगवान जाति या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करते। उनका मानना था कि कोई भी काम श्रेष्ठ या निम्न नहीं है और हर व्यक्ति को सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार है।

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(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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