
हरिद्वार, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरु पूर्णिमा ज्ञान, वैभव एवं सुंदर जीवन यापन के शुभारंभ का पर्व है। ज्ञान ही व्यक्ति की संपन्नता एवं शांतिपूर्वक जीवन का सूत्र है जो गुरु से प्राप्त होता है। बिना गुरु के व्यक्ति का जीवन अधूरा रहता है और संपूर्णता उसी के जीवन में आती है जो सद्गुरु की शरण में चला जाता है। उक्त उद्गार श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने राजा गार्डन स्थित हनुमान मंदिर में व्यास पूजा महोत्सव में पधारे भक्तों को गुरु दीक्षा देते हुए व्यक्त किए।
महर्षि वेदव्यास जी को सनातन धर्म ग्रंथो का रचयिता बताते हुए उन्होंने कहा कि व्यासजी ने चारों वेदों के साथ ही श्रीमद् भागवत नामक पंचम वेद की रचना की जिसमें वेदों के सार के साथ ही वेदांत का पूरा ज्ञान है। अपने गुरुदेव महामंडलेश्वर स्वामी वेदव्यासानंद सरस्वती के पूजन से प्रारंभ हुए व्यास पूजा महोत्सव में पधारे श्रद्धालुओं को मानव जीवन की सार्थकता का सूत्र देते हुए उन्होंने कहा कि गुरु ही गोविंद से मिलने का सोपान है और प्रत्येक व्यक्ति को गुरु का वरण अवश्य करना चाहिए। सभी भक्तों के सुखमय जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि जिन भक्तों ने एक सप्ताह तक अनवरत यह अनुष्ठान किया है निश्चित ही उन पर भगवान की कृपा बरसेगी। इस अवसर पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने व्यास पूर्णिमा का भोग प्रसाद ग्रहण कर अपना-अपना तन, मन और अंतः करण पवित्र किया।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / वीरेन्द्र सिंह
