कैथल, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार गुरमेल सिंह (23) हरियाणा के कैथल जिले के ग्राम नरड़ का रहने वाला है। 31 मई 2019 को उसने कैथल के रुद्री मंदिर के पास दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे कैथल जेल भेज दिया। जेल में सुधरने की जगह वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया। जब उसे जमानत मिली और वह बाहर आया तो गांव में ज्यादा दिन नहीं रुका। वह मुंबई चला गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस के गुर्गों ने ही उसे मुंबई बुलाया था। इसके बाद उसके लॉरेंस गैंग की टॉप लीडरशिप से अच्छे संबंध बनते गए। ग्रामीणों के मुताबिक गुरमेल के पिता की मौत हो चुकी है। गांव वालों के मुताबिक वह करीब 6 महीने पहले गांव आया था। गुरमेल अपने पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी मां की शादी देवर के साथ कर दी। इसके बाद उसकी मां को देवर से एक लड़का एवं एक लड़की हुए।
गुरमेल की दादी फूल्ली देवी का कहना है कि जब उसने मेरी शर्म नहीं की तो चाहे अब उसे चौराहे में खड़ा करके गोली मार दो। उससे उन्हें कुछ लेना देना नहीं है। दादी फुल्ली देवी ने कहा कि हमारे लिए गुरमेल मर चुका है और हम उसके लिए। हम तो उसे 10-11 साल पहले परिवार से बेदखल कर चुके हैं। वह तीन-चार महीने से घर नहीं आया है। हमें नहीं पता कि वो कहां पर गया है। हमें कुछ बता कर थोड़े ही गया है। हमारे पास नंबर नहीं, वह कभी फोन नहीं करता। जब वो घर आया था तो भी उससे नहीं मिली। वो तब कूड़ा डालने के लिए गई हुई थी। न तो हमारे पास उसका कोई फोन नंबर है, न ही वो कभी हमें फोन करता है। मैं अपने 12-13 साल के पोते के साथ रहती हूं। गुरमेल को यहां 4 महीने से गांव में नहीं आया है।
रणदीप सुरजेवाला ने उठाए सवाल-
गुरमेल का नाम बाबा सिद्दीकी की हत्या में आने के बाद राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। सुरजेवाला ने मीडियाकर्मियों से कहा कि यह बहुत गंभीर बात है कि कैथल के अपराधियों के तार अब मुंबई के अपराधियों से जुड़ रहे हैं। उनका मानना है कि अगर प्रशासन में थोड़ा भी आत्मसम्मान बचा है तो उसे लगाम कसनी चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री कहां हैं, कहां व्यस्त हैं। वे कैथल से जाकर मुंबई में हत्या जैसे अपराध करने वाले अपराधियों पर लगाम क्यों नहीं लगा पा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज