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कठुआ 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । कठुआ में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, एक तो आए दिन चोरियों की वारदातें बढ़ रही हैं, बढ़ते नशे से कई युवाओं की मृत्यु हो रही है, जिस पर कठुआ पुलिस लगाम लगाने में विफल साबित हो रही है। वहीं अब खेल कार्यक्रम भी हिंसक होने लगे हैं।
ताजा मामला कठुआ के सकतेचक का है जहां पर बुधवार को एक दंगल कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें वन मंत्री जावेद राणा मुख्य अतिथि के रूप के पहुंचे लेकिन भिगड़ते हालात देख वापस लौट गए। इस दंगल के दौरान गुर्जर समुदाय के लोग आपस में ही भिड़ गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। जबकि बंदोबस्त के लिए मौके पर खड़ी पुलिस की गाड़ी भी पत्थरबाजी की चपेट में आई है। दंगल में इस तरह की पत्थरबाजी से साफ अंदेशा लगाया जा सकता है कि कानून व्यवस्था कठुआ जिला में पूरी तरह से चरमरा गई है। इससे पहले बिलावर के मछेडी क्षेत्र में एक युवक जिसने पुलिस की यातनाओं से तंग आकर आत्महत्या कर ली, ऐसे कई मामले जिला कठुआ में सामने आ रहे हैं। जबकि कठुआ जिला एक शांत क्षेत्र माना गया था, जहां पर आपसी भाईचारे की मिसाल बनती है। लेकिन अब रोजाना चोरियां हो रही है, नशा इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों के घरों के नौजवानों की मृत्यु हो रही है। लेकिन इन सब को रोकने का जिमा पुलिस प्रशासन का है लेकिन शायद पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेवारी सही ढंग से नहीं निभा रहा है। जिसके चलते अब कठुआ जिला भी नशा, चोरियां जैसे संगीन अपराधों में पहले नंबर पर होने वाला है। अगर समय रहते पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा तो आने वाले समय में कठुआ में अपराध दर दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा जिसका खामियाजा जहां के स्थानीय लोगों को भूगतना पड़ेगा।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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