जयपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । जगतपुरा स्थित हरे कृष्ण मूवमेंट राजस्थान को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सौगात देने जा रहा है जिसका नाम है ‘गुप्त वृन्दावन धाम’ यह मंदिर हरे कृष्ण मार्ग, जगतपुरा पर 6 एकड़ भूमि में बनाया जा रहा है। यह 17 मंजिला भव्य मंदिर वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना पेश करेगा और विशेष बात यह है की गुप्त वृन्दावन धाम राजस्थान का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र होगा जिसका उद्देश्य लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ना और उनमें आध्यात्मिक चेतना जागृत करना होगा|
दुनिया की सबसे बड़ी कामन छतरी , यह गुप्त वृन्दावन धाम के विशेष आकर्षण है। 30 मीटर लम्बाई की यह छतरी विश्व की सबसे बड़ी छतरी होगी| गुप्त वृन्दावन धाम राजस्थान का हरित स्वर्ग कहलायेगा, यह धाम नीम, शीशम, कदम्ब, एलो वेरा, चन्दन, बरगद और अश्वगंधा आदि वृक्षों से लहलहाएगा जो यहाँ आने वालों भक्तों और तीर्थयात्रियों को विशेष आनंद प्रदान करेगा। गुप्त वृन्दावन धाम में आने वाले भक्त मंदिर में प्रवेश करने से पहले हरिनाम जप मंडप में 108 बार हरे कृष्ण महामंत्र का जाप कर सकते हैं।
सात्विक रेस्त्रां में ले सकेंगे सात्विक भोजन का आनंद
राजस्थान की राजधानी जयपुर में हरे कृष्ण मूवमेंट द्वारा निर्माणाधीन गुप्त वृन्दावन धाम में कृष्ण-बलराम, राधा-श्यामसुंदर और गौरा-निताई की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, जिसके दर्शन 4 हजार भक्त एक साथ कर सकेंगे। यहां कृष्ण लीला एक्सपो, हरिनाम मंडप, गीता प्रदर्शनी और प्रसादम हॉल जैसी विशेष सुविधाएं भी होंगी। गुप्त वृन्दावन धाम के पांचवे फ्लोर पर सात्विक रेस्त्रां होगा, जिसमे भक्त और तीर्थयात्री सात्विक भोजन का आनंद ले सकेंगे। जयपुर का गुप्त वृन्दावन धाम पूरे विश्व के सामने वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना पेश करेगा। इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है और वर्ष 2027 में इसका लोकार्पण किया जाएगा।
बलराम संग विराजेगे राधा- कृष्ण
6 एकड़ भूमि पर बन रहे इस भव्य मंदिर में श्री कृष्ण-बलराम, राधा-श्यामसुंदर और गौरी-निताई की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी. साथ ही इस मंदिर में एक विशाल धार्मिक स्थल होगा, जहां हजारों भक्त एक साथ बैठकर भक्ति का आनंद ले सकेंगे.इसमें एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र भी होगा, जहां भक्तों को कृष्ण लीला एक्सपो, गीता प्रदर्शनी, हरिनाम मंडप और प्रमात्मा हॉल जैसी खास जगहें देखने को मिलेंगी. इसके साथ ही कृष्ण लीला एक्सपो, हरिनाम मंडप और गीता प्रदर्शनी का अनुभव भी मिलेगा।
‘मयूर द्वार’ पर बनेंगे 108 मोर
मंदिर में 6 द्वार होंगे जिसमें मयूर द्वार मुख्य होगा। द्वारिका के मंदिरों की तरह इस पर 108 मोर बनाए जाएंगे। दूसरा ‘हंस द्वार’ होगा, जगन्नाथपुरी मंदिर की तर्जे पर पूरब और पश्चिम में 2-2 द्वार होंगे। जिन्हें सिंह द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ति द्वार, अश्व द्वार नाम दिए जाएंगे।
शिखर पर होगी कमान छतरी
धाम में राजस्थानी शैली और आधुनिक डिजाइनों से जुड़ा आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा। शिखर पर राजस्थानी आर्किटेक्चर में छतरी बनेगी, दीवारों पर फसाड़ कांच लगाए जाएगें। आर्किटेक्ट मधु पंडित दास हैं, जिन्होंने विश्व का सबसे बड़ा वृंदावन चंद्रोदय मंदिर भी डिजाइन किया है।
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(Udaipur Kiran)