
•भारत के पहले पंचायत उन्नति सूचकांक में गुजरात की 340 से अधिक ग्राम पंचायतों को मिला ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में स्थान
अहमदाबाद, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की ओर से जारी पहले पंचायत उन्नति सूचकांक (पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स-पीएआई) 2022-23 में गुजरात एक बार फिर शीर्ष राज्य के रूप में उभरा है। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इस सूचकांक के तहत, देश के 29 राज्यों की 2.16 लाख ग्राम पंचायतों का मूल्यांकन किया गया है, जिसमें गुजरात की 346 ग्राम पंचायतों को ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में स्थान दिया गया है, जो देश में सर्वाधिक है।
पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई) भारत सरकार द्वारा डेटा-आधारित शासन संचालित करने तथा ग्रामीण स्तर पर 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति को बढ़ावा देने की एक ऐतिहासिक पहल है। इस सूचकांक में मूल्यांकन के लिए गरीबी में कमी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्याप्त जलापूर्ति, स्वच्छ पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, सामाजिक न्याय, शासन और महिला सशक्तिकरण जैसी 9 महत्वपूर्ण थीमों में 435 यूनिक स्थानीय सूचकांकों का उपयोग किया जाता है।
पीएआई में गुजरात का शानदार प्रदर्शन राज्य के समावेशी और सतत ग्रामीण विकास के मॉडल को उजागर करता है, जिसमें ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों की सूची में गुजरात के बाद तेलंगाना (270 ग्राम पंचायत) दूसरे स्थान पर और त्रिपुरा (42 ग्राम पंचायत) तीसरे स्थान पर है।
कुल 2.16 लाख ग्राम पंचायतों में किया गया मूल्यांकन
कुल 2.16 लाख ग्राम पंचायतों में किए गए मूल्यांकन में से 699 ग्राम पंचायतों को 75 से 90 अंकों के स्कोर के साथ ‘फ्रंट रनर’ की श्रेणी में स्थान दिया गया। 77,298 ग्राम पंचायतों को 60 से 75 अंकों के स्कोर के साथ ‘परफॉर्मर’ की श्रेणी में स्थान दिया गया, जबकि 1,32,392 ग्राम पंचायतों को 40 से 60 अंकों के स्कोर के साथ ‘आकांक्षी’ की श्रेणी में स्थान दिया गया। वहीं, 5896 ग्राम पंचायतों को 40 से कम अंकों के स्कोर के साथ ‘बिगिनर’ की श्रेणी में स्थान दिया गया है।
एसडीजी के अनुरूप 9 थीम
सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप नौ थीमों में गरीबी मुक्त और आजीविका में वृद्धि करने वाली पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल अनुकूल पंचायत, जल पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी सुविधाओं वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला अनुकूल पंचायत शामिल हैं। उम्मीद है कि पंचायत उन्नति सूचकांक जमीनी स्तर पर विकास अंतराल की पहचान करने और प्रत्येक पंचायत साक्ष्य-आधारित, लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़े, यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
