Gujarat

गुजरातः ग्रामीणों की पेयजल को लेकर 99 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का टोल फ्री नंबर से निवारण

जलापूर्ति विभाग गुजरात  सरकार
जलापूर्ति विभाग गुजरात  सरकार

अहमदाबाद, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । गुजरात के जल प्रबंधन और गुजरात में हुई जल क्रांति ने राज्य के विकास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक समय पानी की भयंकर किल्लत का सामना करने वाला गुजरात आज देशभर में ‘पानीदार गुजरात’ के रूप में जाना जाता है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के जलापूर्ति विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के भी सभी घरों में पीने का शुद्ध पानी मिले। हालाँकि जलापूर्ति विभाग केवल ग्रामीण स्तर पर पानी पहुँचा कर ही संतुष्ट नहीं हो गया, बल्कि उसने ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को भी पीने के पानी की समस्या के निवारण के लिए टोली फ्री नंबर 1916 सेवा उपलब्ध कराई है। इस टोल फ्री नंबर की सेवा के कारण राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीने के पानी की समस्या को लेकर अपनी शिकायत सरलता से सरकार तक पहुँचा सकते हैं और शिकायत का निवारण भी प्राप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यह टोल फ्री नंबर 1916 सेवा शुरू होने से अब तक गुजरात के ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल संबंधी 99 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का सफलतापूर्वक निवारण किया गया है।

गुजरात सरकार के अनुसार जलापूर्ति विभाग द्वारा टोल फ्री नं. 1916 सेवा शुरू होने के बाद से अब तक 2,22,116 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 2,21,364 यानी 99.66 प्रतिशत शिकायतों का संतोषपूर्वक निवारण किया गया है। वर्ष 2023-24 में 89,410 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें से 88,992 (99.53 प्रतिशत) शिकायतों का संतोषपूर्वक निवारण किया गया है तथा जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक 65,553 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें से 65,509 (99.93 प्रतिशत) शिकायतों का संतोषपूर्वक निवारण किया गया है।

कैसे काम करती है टोली फ्री नंबर 1916 की सेवा ?

ग्रामीणजन पेयजल समस्याओं की शिकायत टोल फ्री नंबर 1916 पर कर सकते हैं। संबंधित शिकायत के बारे में सिविल, मैकेनिकल, वास्मो जैसे सम्बद्ध विभागों को सूचित किया जाता है। इसके बाद शिकायतकर्ता के नाम, गाँव तहसील, जिले, मोबाइल नंबर तथा शिकायत संबंधी विस्तृत जानकारी दर्ज कर उसे ERP पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकृत किया जाता है। शिकायत ऑनलाइन पंजीकरण होने के बाद शिकायतकर्ता को टेक्स्ट मैसेज (एसएमएस) और ई-मेल द्वारा उसकी शिकायत का नंबर दिया जाता है। इसके बाद जिस जिले से शिकायत आई हो, उसके सम्बद्ध उत्तरदायी विभाग के सब डिवीजन अधिकारी को टेक्स्ट मैसेज (एमएमएस) और ई-मेल द्वारा शिकायत का ब्यौरा बताया जाता है।

जिला स्तर पर शिकायत प्राप्त करने के बाद अधिकारी शिकायत स्थल का दौरा कर 48 घण्टों में शिकायत का निवारण लाते हैं। एक बार शिकायत का निवारण हो जाए, फिर सम्बद्ध अधिकारी द्वारा ईआरपी पोर्टल में उस शिकायत को रिसॉल्व मार्क किया जाता है। इसके बाद शिकायतकर्ता को टेक्स्ट मैसेज (एसएमएस) द्वारा शिकायत का निवारण हो जाने की जानकारी दी जाती है। जलापूर्ति विभाग के कॉल सेंटर द्वारा शिकायतकर्ता को फोन करके शिकायत निवारण के लिए की गई कार्यवाही पर उसका फीडबैक लिया जाता है।

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top