-वर्ष 2001 के विनाशकारी भूकंप के बाद आते रहते हैं छोटे-बड़े भूकंप के झटके
भुज, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कच्छ जिले के कई क्षेत्रों में गुरुवार तड़के भूकंप के झटके आने से लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप का केन्द्र कच्छ जिले के खवडा से 47 किलोमीटर दूर था। सिस्मोलॉजी विभाग के अनुसार रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 दर्ज की गई है।
गुरुवार तड़के 3 बज कर 54 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए जिससे कई क्षेत्रों में दहशत फैल गई। हालांकि इससे किसी तरह के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है।
स्थानीय लोगों के अनुसार कच्छ में महीने के दौरान 2 से 4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके आते रहे हैं। यहां बार-बार आ रहे भूकंप को लेकर सिस्मोलॉजी विभाग शोध कर रहा है। वर्ष 2015 में मिनिस्ट्री ऑफ साइंस ने कच्छ के पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ यूनिवर्सिटी को भूकंप को लेकर शोध करने को कहा था। अलग-अलग 8 प्रोजेक्ट के जरिये बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों का कारण समझने का प्रयास जारी है।
एक जानकारी के अनुसार कच्छ के वागड क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके आते हैं। वागड में दक्षिण वागड फॉल्टलाइन और कच्छ मेन फॉल्टलाइन का संगम होता है, जससे इस दो लाइन के मिलने से रापर, भचाउ के समीप अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। पिछले काफी समय से वागड क्षेत्र में जो फॉल्टलाइन है, यह अधिक सक्रिय हुआ है। इसके कारण यहां अधिकांश झटके महसूस किए गए हैं। फॉल्टलाइन को बंद करना संभव नहीं है। नुकसान से बचने के लिए सर्तकता की जा रही है। इसमें जीवनशैली और निर्माण का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भूकंप का पैटर्न वर्षों से पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय