-मृत पक्षी व जलीय जीव समुद्र तट पर बहकर आए
भावनगर/अहमदाबाद, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।दुनिया भर से हाल ही में अलंग के शिपब्रेकिंग यार्ड में स्क्रैप के लिए आए जहाज से अत्यधिक ज्वलनशील और जहरीले रसायनों के अंधाधुंध बहाव से समुद्र की परिस्थितिकी व समुद्र तटों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इससे होने वाले पर्यावरणीय नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समुद्र टार जैसे तरल पदार्थ की एक-तीन इंच मोटी परत बन गई है।
मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में मृत पक्षी, मछलियां, केकड़े जैसे जलीय जीव बहकर समुद्र तट पर आ गए हैं। विश्व प्रसिद्ध शिपब्रेकिंग यार्ड अलंग में दुनिया भर से जहाज स्क्रैप के लिए आते हैं। हाल ही में स्क्रैप के लिए भेजे गए जहाज से अत्यधिक ज्वलनशील और जहरीले रसायनों की अंधाधुंध डंपिंग ने तटों और समुद्र को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। हालत यह है कि समुद्र टार जैसे तरल पदार्थ की एक से तीन इंच मोटी काली परत बन गई है।
यह घोर लापरवाही का नतीजा है या जानबूझकर इसे अंजाम दिया गया है, इसकी जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक हाल ही में पेट्रोकेमिकल ले जाने वाले एक जहाज को अलंग में तोड़ा जाना था। इस जहाज के पानी के बाहर लंगर डालने के बाद जहाज में मौजूद टार जैसा खतरनाक रसायन गलती से या जानबूझकर समुद्र में छोड़ दिया गया था। छोड़े जाने के साथ ये खतरनाक रसायन समुद्र में दूर तक फैल गया। जिसकी वजह से कई समुद्री जीव मर गए हैं। अलंग शिपयार्ड के समुद्र तट के बाएँ और दाएँ दोनों किनारों पर कई किलोमीटर की तटरेखा में टार जैसा रसायन बरामद किया गया है। मछुआरों ने आरोप लगाया कि पूरे मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी और न ही कोई जांच की गयी । आज सुबह भी समुद्र तट पर बड़ी संख्या में मृत पक्षी, मछलियां, केकड़े बहकर आ गए।
तलाजा के प्रांतीय अधिकारी जेआर सोलंकी के मुताबिक पिछली रात उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है और तुरंत इसे लेकर जीपीसीबी को सूचित किया गया है। उसकी टीम फिलहाल वहां पहुंच कर मामले की जांच कर रही है।
भावनगर जिले के अलंग शिप यार्ड हर साल स्क्रैप के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से विशाल जहाज आते हैं। इन जहाजों को यहीं काटा जाता है और स्क्रैप में बदल दिया जाता है। इन विशाल जहाजों को तोड़कर स्कैप में बदलने के दौरान जहाज में मौजूद जहरीले कचरे और अत्यधिक खतरनाक रसायन समुद्र में फैल जाते हैं। इन रासायनिक एवं विषैले कचरों को समुद्र में छोड़े जाने से समुद्री परिस्थितिकी तंत्र को काफी नुकसान हो रहा है।
(Udaipur Kiran) / हर्ष शाह