नाहन, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्याल, पालमपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े (16 से 30 नवंबर) में किए जाने वाले कृषि और पशुपालन कार्यों के लिए निम्नलिखित मार्गदर्शिका जारी की है, जिसका पालन करके प्रदेश के किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
फसल उत्पादन
प्रदेश के निचले सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की उन्नत किस्मों जैसे एच.पी.डब्ल्यू.-155, वी.एल.-907, एच.एस.-507, एच.एस.-562, एच.पी.डब्ल्यू.-349, एच.पी.डब्ल्यू.-484, एच.पी.डब्ल्यू.-249, एच.पी.डब्ल्यू.-368, एच.पी.डब्ल्यू.-236, पी.वी.डब्ल्यू.-550 और एच.डी.-2380 की बुआई करें। इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सप्तधरा किस्मों की बुआई की जा सकती है। बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर (8 किलोग्राम प्रति बीघा) रखें।
इस समय जौ की किस्में बी.एच.एस.-400, एच.बी.एल.-276 (नंगा जौ) और चारे के लिए राई घास की भी बुआई की जा सकती है।
खरपतवार नियंत्रण:
अगर अगेती बीजाई की गई गेहूं में खरपतवार के 2-3 पत्ते आ गए हों, तो खरपतवार को नष्ट करने के लिए वेस्टा नामक दवा का उपयोग करें। इसके लिए 32 ग्राम वेस्टा को 60 लीटर पानी में घोलकर प्रति बीघा छिड़काव करें। छिड़काव पम्प से करें और इसके लिए फ्लैट फैन नोजल का इस्तेमाल करें।
महत्वपूर्ण सुझाव
छिड़काव से 2-3 दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें, क्योंकि खरपतवारनाशी का असर तब ही होता है जब खेत में पर्याप्त नमी हो। अन्यथा दवा का असर ठीक से नहीं होगा।
(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर